डीएनए हिंदी: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण (Air Polution) पर अंकुश लगाने के लिए केजरीवाल सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने एक अक्टूबर से फरवरी 2023 तक दिल्ली में मध्यम और भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है. हालांकि इस दौरान सब्जियां, फल, अनाज, दूध समेत अन्य जरूरी चीजें ढोने वाले वाहनों को राष्ट्रीय राजधानी में आने-जाने की अनुमति होगी.
एक अधिकारी के अनुसार, ऐसे वाहनों के प्रवेश पर 1 अक्टूबर 2022 से 28 फरवरी 2023 तक पाबंदी रहेगी क्योंकि वाहनों से फैलने वाले प्रदूषण से सर्दियों के महीनों में वायु गुणवत्ता बहुत बिगड़ जाती है. सरकार के इस निर्णय की ट्रांसपोर्टरों एवं व्यापारियों ने आलोचना की है. उन्होंने कहा कि इससे घाटा होगा. उन्होंने सरकार से प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए वैकल्पिक उपायों के बारे में सोचने की अपील की.
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Privet वाहनों पर नहीं होगी रोक
अधिकारियों ने कहा कि सीएनजी एवं इलेक्ट्रिक ट्रकों के साथ ही ऐसे डीजल वाहनों को आवाजाही की इजाजत रहेगी जोकि आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई कर रहे हैं.उन्होंने कहा कि प्राइवेट वाहनों पर भी कोई रोक नहीं होगी और यह आदेश केवल कमर्शियल वाहन (Commercial vehicle) पर लागू होगा. हालांकि, आलोचकों का कहना है कि CNG ट्रक की संख्या काफी कम है और वे भी छोटे आकार के हैं और लंबी दूरी तय करने वाले बड़े एवं मीडियम वाहन सीएनजी नहीं पसंद करते क्योंकि यह आसानी से उपलब्ध नहीं होती है.
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CAIT ने दी आंदोलन की चेतावनी
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, ‘दिल्ली सरकार का यह फैसला दिल्ली के व्यापार को ऐसे समय चौपट कर देगा जब दिल्ली में त्योहार एवं शादी का सीजन अपने शीर्ष पर होगा. दिल्ली के व्यापारी दिल्ली सरकार के इस कठोर आदेश का जबर्दस्त विरोध करेंगे.’ उन्होंने कहा कि कन्फेडरेशन केंद्र सरकार से दखल की मांग करेगा और दिल्ली सरकार के विरूद्ध आंदोलन भी छेड़ेगा. उन्होंने कहा, ‘‘ कैट भावी रणनीति तय करने के लिए अगले सप्ताह अपने व्यापारिक नेताओं की एक बैठक बुला रहा है.’
LG से दखल देने की मांग
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भीम वाधवा ने दावा किया कि नौकरशाह आम जनता या पक्षधारकों के बारे में बिना कुछ सोचे नीतियां बना लेते हैं. दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट ऑर्गनाइजेशन ने वाधवा से सहमति जताते हुए कहा कि खुदरा बिक्री केंद्र के रूप में दिल्ली की छवि इस पाबंदी से बुरी तरह प्रभावित होगी. उन्होंने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, सीएम अरविंद केजरीवाल और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से इस निर्णय पर पुनर्विचार की अपील की. पंद्रह जून को दिल्ली सरकार ने हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश समेत पड़ोसी राज्यों को पत्र लिखकर राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद के लिए उनसे केवल बीएस-6 मानक वाली बसों को ही एक अक्टूबर से आने देने की अपील की थी.
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