माता-पिता को परेशान करने वाले बच्चे होंगे संपत्ति से बेदखल, हरिद्वार कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 27, 2022, 09:30 PM IST

सांकेतिक तस्वीर

हरिद्वार की एसडीएम कोर्ट (Haridwar SDM Court) में 6 बुजुर्गों ने अपने बच्चों के अत्याचार से राहत दिलाने के लिए गुहार लगाई थी.

डीएनए हिंदी: माता-पिता की सेवा न करने वाले बच्चों के लिए हरिद्वार की एसडीएम कोर्ट (Haridwar SDM Court) ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. कोर्ट ने गुरुवार को छह बुजर्गों के बच्चों को माता-पिता की संपत्ति से बेदखल करते हुए एक महीने के अंदर घर खाली करने का आदेश दिया है. कोर्ट का आदेश न मानने पर पुलिस प्रशासन से आवश्यक कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है.

दरअसल, हरिद्वार की एसडीएम कोर्ट में 6 बुजर्ग दंपत्तियों ने वाद दायर कर बताया था कि उनके बच्चे उनका बिल्कुल भी ख्याल नहीं रखते. न उनकी बीमारी का इलाज कराते हैं और न ही उन्हें खाना देते हैं. इतना ही नहीं, उनके साथ मारपीटकर प्रताड़ित करते हैं. जिससे उनका बुढ़ापे का जीवन कष्टों से गुजर रहा है. 

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बुजुर्गों ने कोर्ट से लगाई थी गुहार
बुजुर्गों ने अपने बच्चों के इस अत्याचार से राहत दिलाने के लिए कोर्ट से गुहार लगा थी. बुजुर्गों ने अपने बच्चों को चल और अचल संपत्ति से बेदखल कर घरों से बाहर निकालने की मांग की थी.

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हरिद्वार की एसडीएम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए बच्चों को माता-पिता की संपत्ति से बेदखल करने का फैसला सुनाया और 30 दिन के अंदर सभी को घर खाली करने का आदेश दिया.कोर्ट ने फैसले में कहा कि यदि बुजुर्गों के बच्चे घर खाली नहीं करते हैं तो संबंधित थाना प्रभारियों को उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

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