अमेरिका, सिंगापुर के बाद अब भारत में भी कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से उछाल आया है. सिंगापुर स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को एक बार फिर से मास्क पहनने और कोविड नियमों का पालन करने की अपील की है. हैरानी की बात ये है कि एक सप्ताह के भीतर ही सिंगापुर में 25000 से अधिक नए मामले रिपोर्ट किए गए हैं जिससे चिंता बढ़ने लगी है.
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वहीं, देश की बात करें तो महाराष्ट्र के साथ-साथ देश के कई राज्यों में कोरोना के इस नए वैरिएंट के मामले बढ़ते हुए रिपोर्ट किए गए हैं. महाराष्ट में अब तक KP.2 वैरिएंट के 146 केस दर्ज किए गए हैं. इसके बाद पश्चिम बंगाल 36 संक्रमितों के साथ दूसरे स्थान पर है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देश में ज्यादातर संक्रमितों में हल्के स्तर के ही लक्षण देखे जा रहे हैं. नए वैरिएंट के कारण अस्पताल में भर्ती होने या गंभीर मामले फिलहाल नहीं हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि ये दोनों जेएन1 स्वरूप के उप स्वरूप हैं और इनका संबंध अस्पताल में भर्ती होने के मामलों और गंभीर रूप से बीमार होने से नहीं है.
सिंगापुर में कोविड-19 का पुनरुत्थान चिंताजनक है, स्वास्थ्य अधिकारियों ने अगले दो से चार सप्ताह में चरम पर पहुंचने की भविष्यवाणी की है. FLiRT वैरिएंट के दो स्ट्रेन, KP.1 और KP.2, तेजी से फैल गए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने 5 मई से 11 मई के बीच 25,900 नए मामले दर्ज किए, जो पिछले सप्ताह दर्ज किए गए 13,700 मामलों से उल्लेखनीय वृद्धि है. अस्पताल में प्रवेश प्रतिदिन 181 से बढ़कर 250 हो गया है, और आईसीयू में प्रवेश प्रति दिन दो से तीन रोगियों तक बढ़ गया है.
नया कोरोना वैरिएंट फिलर्ट (KP.2) ओमिक्रॉन का ही सब-वैरिएंट है, लेकिन इसमें कुछ ऐसे म्यूटेशन देखे गए हैं जो इसे वैक्सीन से बनी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी चकमा दे रहा है और तेजी से संक्रमण बढ़ा रहा है. इसलिए जरूरत है फिर से कोविड से बचने के सुरक्षा उपाय उठाए जाएं,
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जून में क्या पीक पर आ सकता है कोरोना?
नए वैरिएंट पर हुई स्टडी के मुताबिक जिस तरह से KP.2 बढ़ रहा है उससे यह संभावना है कि JN.1 वैरिएंट से भी ज्यादा तेजी से फैलेगा. कोरोना के लगभग 50% सैंपल के अध्ययन में KP.2 को ही प्रमुख कारक माना जा रहा है. मई के हालात देखते हुए जून में इसके और फैलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. लेकिन कोरोना के सुरक्षित उपाय इसपर अंकुश लगा सकते हैं.
सिंगापुर इस नए वैरिएंट से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है. स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्तमान में सिंगापुर में दो-तिहाई से अधिक मामले KP.1 और KP.2 के हैं. 3 मई तक, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने KP.2 को 'वैरिएंट अंडर मॉनिटरिंग' के रूप में वर्गीकृत किया है.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
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