झारखंड के मुख्यमंत्री Hemant Soren की कुर्सी पर खतरा, चुनाव आयोग ने भेजा नोटिस

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:May 03, 2022, 10:22 AM IST

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन. (फाइल फोटो)

अपने रिश्तेदारों को खदान का आवंटन करने के मामले में हेमंत सोरेन फंसते नजर आ रहे हैं. अब चुनाव आयोग ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को नोटिस भेजा है.

डीएनए हिंदी: चुनाव आयोग ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) का नोटिस भेजा है. उनसे पूछा गया है कि खदान का पट्टा जारी करने के मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए? इस मामले में दोषी पाए जाने पर संभव है कि चुनाव आयोग हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता चली जाए. अगर ऐसा होता है तो हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ जाए.

हेमंत सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी पत्नी के नाम पर आद्योगिक भूमि का आवंटन कर दिया. इसके अलावा, उन पर अपने भाई और प्रतिनिधि को खनिज खदानों के पट्टे देने का आरोप है. पूर्व सीएम रघुवर दास ने यह मामला उठाया और इस मामले के दस्तावेज उपलब्ध कराए. अब राज्यपाल रमेश बैस ने इस मामले की जांच के लिए चुनाव आयोग को दस्तावेज भेजे हैं. आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव से इस मामले में रिपोर्ट मांगी थी.

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छिन सकती है हेमंत सोरेने की सदस्यता
राज्यपाल रमेश बैश ने पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मिलकर सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ लाभ के दोहरे पद के मामले में कार्रवाई के पर्याप्त आधार होने की जानकारी दी थी. अब चुनाव आयोग ने कार्रवाई से पहले हेमंत सोरेन का पक्ष जानने के लिए उन्हें नोटिस दिया है. हेमंत सोरेन से पूछा गया है कि वह अपना जवाब दें कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए. जनप्रतिनिधित्व कानून का धारा 9ए के तहत अगर हेमंत सोरेन दोषी पाए जाते हैं, तो चुनाव आयोग उन्हें अयोग्य ठहरा सकता है.

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बीजेपी ने भी सोरेन को घेरा
इन आरोंपो पर घिरे हेमंत सोरेन पर विपक्षी बीजेपी ने भी हमला करना शुरू कर दिया है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा है कि सरकार अपनी नाकामियों और विफलताओं से घिरी है. उन्होंने कहा कि यह राज्य किसी परिवार की जागीर नहीं बल्कि सवा तीन करोड़ जनता की अमानत है. दीपक प्रकाश ने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार जन विरोधी, पिछड़ा विरोधी, महिला विरोधी और दलित विरोधी है, जिसने शासन करने का नैतिक अधिकार खो दिया है.

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