Aaditya Thackeray का दावा- संपर्क में 20 बागी विधायक, वापस मुंबई बुलाने का कर रहे अनुरोध

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jun 27, 2022, 11:40 PM IST

आदित्य ठाकरे 

आदित्य ठाकरे ने दावा किया है कि विद्रोही खेमे ने कुछ विधायकों का अपहरण कर लिया है या उन्हें जबरन ले जाया गया है. इनमें से 15-20 विधायक हमारे संपर्क में हैं.

डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) ने सोमवार को दावा किया कि बागी खेमे में शामिल हुए शिवसेना के 15 से 20 विधायक उनके संपर्क में हैं और पार्टी से उन्हें गुवाहाटी से मुंबई वापस लाने का आग्रह किया है. ये बागी विधायक कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे के साथ असम के एक होटल में ठहरे हुए हैं और उनकी इस बगावत के चलते महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. 

मुंबई के बाहरी इलाके करजत में शिवसेना कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए एमवीए सरकार को बचाने की जद्दोजहद में जुटे आदित्य ठाकरे ने कहा कि पार्टी का हर कार्यकर्ता मौजूदा स्थिति को एक अवसर के रूप में देख रहा है, समस्या के रूप में नहीं. बागी विधायकों का संदर्भ देते हुए आदित्य ने कहा, 'धूल छंट गई है. अब हम कुछ अच्छा कर सकते हैं.' मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे और पार्टी नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि 21 जून के विद्रोह से पहले इस बात की चर्चा थी कि पार्टी में कुछ विकास होगा 9 मंत्रियों सहित शिवसेना के अधिकांश विधायकों ने पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी है, जिससे ढाई साल पुरानी एमवीए सरकार का अस्तित्व खतरे में आ गया है.

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बागी विधायक कर रहे वापस आने का आग्रह
शिवसेना के नेतृत्व वाले एमवीए में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस साझेदार हैं. शिवसेना ने दावा किया है कि विद्रोही खेमे ने कुछ विधायकों का अपहरण कर लिया है या उन्हें जबरन ले जाया गया है. उन्होंने कहा, “करीब 15-20 विधायक हमारे संपर्क में हैं. वे मुझे और शिवसैनिकों को बुलाते हैं और हमसे गुवाहाटी से वापस लाने का आग्रह करते हैं.” 

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उन्होंने कहा, “उनकी हालत बंदियों जैसी है,पहले सूरत में (जहां पिछले हफ्ते मुंबई से रवाना हुए बागी विधायक पहले पहुंचे थे) और फिर गुवाहाटी में.” पार्टी के कुल 55 विधायकों में से शिंदे ने तीन दर्जन से अधिक विधायकों के समर्थन का दावा किया है. ठाणे से शिवसेना के नेता (शिंदे) का नाम लिए बिना उनकी आलोचना करते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि कुछ नेताओं पर आंख मूंदकर भरोसा किया गया और दुखद बात यह है कि ऐसे लोगों को संगठन में लगातार पदोन्नत किया गया. उन्होंने कहा कि विधायकों का पार्टी छोड़ना मानसून की शुरुआत से पहले नाले और कचरे की सफाई करने जैसा है.

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