'1 KM भागकर चंगुल से निकला', एकनाथ शिंदे के गुट से फरार MLA ने सुनाई आपबीती

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 23, 2022, 04:44 PM IST

शिवसेना विधायक कैलाश पाटिल

शिवसेना विधायक कैलाश पाटिल ने बताया, 'उन्हें सूरत की एक होटल में जबरन कैद करके रखा गया था. वह एक किलोमीटर पैदल चलकर शिंदे गुट के चंगुल से निकला.'

डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आया हुआ है. कैबिनेट मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे  (Eknath Shinde) ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और 32 से ज्यादा विधायकों को अपने साथ लेकर बगावत कर दी है. इस बीच शिंदे गुट से भाग कर आए एक शिवसेना विधायक ने आपबीती सुनाई है. विधायक कैलाश पाटिल (Kailash Patil) ने आरोप लगाया कि उन्हें सूरत में कैद करके रखा गया था, वह एक किलोमीटर भागकर चंगुल से निकला है.

कैलाश पाटिल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया, 'उन्हें सूरत की एक होटल में जबरन कैद करके रखा गया था. मैं वहां से किसी तरह उनके चंगुल से निकल आया. कई विधायक मजबूरी के चलते मुंबई नहीं लौट पा रहे हैं.' इधर वापस लौटे शिवसेना विधायक नितिन देशमुख ने कहा, 'सूरत में बहुत जबरदस्त पुलिस सुरक्षा थी. मुझे जबरन सूरत लेकर गए.'

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संजय राउत ने दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम
वहीं, शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने पार्टी के सभी बागी विधायकों से वापस लौटने की अपील की है. राउत ने कहा कि सभी विधायक 24 घंटे में लौट आएं, हम महाविकास अघाड़ी (Maha Vikas Aghadi) से निकलने पर विचार करेंगे.राउत ने कहा, 'इन लोगों (टीम शिंदे) की मुंबई आने की हिम्मत नहीं है. यहां पर आकर उन्हें जो कुछ कहना है, वो कहना चाहिए. यहां पर आकर पत्र व्यवहार करना चाहिए. लेकिन ये सभी लोग गुवाहाटी में बैठकर बातें बना रहे हैं. हिम्मत है तो मुंबई वापस आइए. उद्धव ठाकरे के सामने अपनी बात रखें. मुझे पूरा भरोसा है कि आपकी बात सुनी जाएगी. 

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बागी MLA ने पत्र लिखकर लगाया आरोप
बता दें कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और पार्टी के बागी विधायकों के बीच की दूरियां लगतार बढ़ती जा रही हैं. बागी विधायक उद्धव ठाकरे पर उनकी बातें नहीं सुने जाने का आरोप लगा रहे हैं. शिंदे कैंप के एक विधायक ने चिट्ठी लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की.संजय शिरसाट ने चिट्ठी लिखी है. मराठी में लिखे गए इस पत्र में सबसे बड़ा आरोप शिवसेना सुप्रीमो को पहुंच से दूर बताया गया है. पत्र में लिखा गया है कि विधान परिषद और राज्यसभा चुनावों की रणनीति से हमें दूर रखा गया. आप हम लोगों से कभी नहीं मिलते तक नहीं थे.

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