डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र में सियासी संकट गहराता जा रहा है. शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के बगावत के चलते राज्य में अस्थिरता पैदा हो गई है. सीएम उद्धव ठाकरे समर्थक कार्यकर्ताओं में बागी विधायकों के खिलाफ रोष है. आक्रोशित कार्यकर्ता पार्टी से बगावत करने वाले विधायकों के घरों और दफ्तरों को निशाना बना रहे हैं. कुछ जगह दफ्तरों में तोड़फोड़ की घटनाएं भी सामने आई हैं.
इसी के चलते ठाणे में शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के घर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. वह इस समय असम के गुवाहाटी स्थित रैडिसन ब्लू होटल में शिवसेना के अन्य बागी विधायकों के साथ ठहरे हुए हैं. वहीं, राजधानी मुंबई में कानून व्यवस्था को लेकर बढ़ती चुनौती को देखते हुए धारा 144 लगा दी गई है.
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5 से ज्यादा लोग नहीं हो सकेंगे इकट्ठा
मुंबई पुलिस ने कहा कि अब यहां पर 5 से ज्यादा लोगों के इकट्ठे होने पर रोक रहेगी. मुंबई पुलिस का यह आदेश 10 जुलाई तक लागू रहेगा. शिवसेना के समर्थक बागी विधायकों पर दबाव बना रहे हैं. हंगामे की स्थिति से निपटने के लिए राज्य पुलिस ने यह आदेश लागू किया है.
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पुणे में भी धारा 144 लागू
पुणे में भी धारा 144 लागू है. पुणे शिवसेना के बागी विधायक और दिग्गज नेता एकनाथ शिंदे का गढ़ है. यहां नया आदेश 30 जून से जिले में लागू होगा. अब जिले में किसी भी तरह की सियासी गतिविधि और नारेबाजी की इजाजत नहीं दी जाएगी.बता दें कि पुणे में शुक्रवार को उद्धव ठाकरे समर्थक शिवसैनिकों ने जमकर उत्पात मचाया था.यहां शिवसैनिकों ने एकनाथ शिंदे गुट के विधायक तानाजी सांवत के दफ्तर में तोड़फोड़ की थी. दफ्तर पर हुए हमले के बाद वहां अफरातफरी का माहौल हो गया.
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बागी विधायकों के नाम डिप्टी स्पीकर के पास भेजे
शिवसेना ने 4 और बागी विधायकों के नाम महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर के पास भेजे हैं ताकि उनके खिलाफ अयोग्य करार देने की कार्रवाई शुरू की जा सके. शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने यहां कहा कि पार्टी बागी धड़े के 16 विधायकों को भी नोटिस जारी करेगी और उनसे सोमवार तक जवाब देने को कहेगी. जिन चार विधायकों के नाम उपाध्यक्ष के पास भेजे गए हैं उनमें संजय रायमुलकर, चिमन पाटिल, रमेश बोरनारे और बालाजी कल्याणकर शामिल हैं.
सावंत ने कहा, ‘उन्हें एक पत्र जारी करने के बावजूद उनमें से कोई भी मुंबई में यहां बुधवार शाम को हुई पार्टी की बैठक में शामिल नहीं हुआ.’ पार्टी ने बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे समेत 12 नेताओं के नाम पहले ही उपाध्यक्ष को भेजकर उन्हें अयोग्य करार देने की मांग की है. सावंत ने कहा, ‘अब केवल मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शिवसेना में उनकी वापसी के बारे में फैसला ले सकते हैं, वरना पार्टी के दरवाजे उनके लिए हमेशा के लिए बंद हैं. उन्होंने भगवा ध्वज के साथ विश्वासघात किया है.’
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