डीएनए हिंदी: अकाल तख्त के जत्थेदार (Akal Takht Jathedar) ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सोमवार को सिख नौजवानों को मॉडर्न लाइसेंसी हथियार रखने की सलाह दी है. इस पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने आपत्ति जताई है. भगवंत मान ने कहा कि उन्हें शांति और भाईचारे का संदेश देना चाहिए. कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने भी जत्थेदार के बयान पर आपत्ति जताई.
बता दें कि अकाल तख्त सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था है. हरप्रीत सिंह ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘यहां तक कि आज भी, विशेष तौर पर सिख लड़कों और लड़कियों को गुरु हरगोबिंद सिंह जी के आदेश का पालन करने की जरूरत है. उन्हें ‘गत्का बाजी’ (पारंपरिक युद्ध कला), तलवारबाजी और बंदूक चलाने का प्रशिक्षण लेना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक सिख को वैध तरीके से लाइसेंसी आधुनिक हथियार हासिल करने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि ऐसा समय है और ऐसी स्थिति उत्पन्न हो रही है.’’
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CM ने दी तीखी प्रतिक्रिया
हरप्रीत सिंह ने यह बात गुरु हरगोबिंद सिंह के ‘गुरुता गद्दी दिवस’’ के मौके पर बोलते हुए ये बात कही. गुरु हरगोबिंद सिंह सिखों के छठे गुरु थे. जत्थेदार की टिप्पणी पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने तीखी प्रतिक्रिया जतायी और उनसे ऐसे संदेश नहीं देने को कहा. मान ने ट्वीट किया, ‘माननीय जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब जी, हथियार को लेकर आपका बयान...जत्थेदार जी, आपको हथियार रखने के संदेश के बजाय गुरबानी के ‘सरबत दा भला’ का संदेश सभी तक पहुंचाना चाहिए. हमें आधुनिक हथियार के संदेश के बजाय शांति, भाईचारे और आधुनिक विकास का संदेश देना चाहिए.’बाद में भगवंत मान ने चंडीगढ़ में जारी बयान में कहा कि सौहार्द्रपूर्ण समाज में हथियार का कोई स्थान नहीं है.
जत्थेदार के पद से हटाने की मांग
वडिंग ने हरप्रीत सिंह को उनके बयान को लेकर अकाल तख्त के जत्थेदार के पद से हटाने की मांग की. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि जत्थेदार साहिब द्वारा तथ्यों को ठीक तरह से समझाये बिना युवाओं को आधुनिक हथियारों से लैस होने का संदेश देना सांप्रदायिक सौहार्द्र के लिए हानिकारक है.
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