डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath Government) के आदेशानुसार प्रदेश में मदरसों के सर्वे (UP Madarsa Survey) का काम पूरा हो चुका है और इस सर्वे की रिपोर्ट में चौंकाने वाली बात सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के 7,500 मदरसे अवैध हैं और उनका धड़ल्ले से संचालन हो रहा है. वहीं दुनिया के एक अहम इस्लामिक सेंटर माने जाने वाले दारुल ऊलूम देवबंद के मदरसे भी अमान्यता प्राप्त पाए गए हैं.
दरअसल, उत्तर प्रदेश में सर्वे के दौरान करीब 7,500 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मिले हैं. प्रदेश के सभी 75 जिलों में सर्वे का काम लगभग पूरा हो गया है. मदरसों के सर्वे के लिए गठित टीम अपनी रिपोर्ट अपर जिलाधिकारी के माध्यम से 31 अक्टूबर तक जिलाधिकारियों को देगी जिसके बाद इन अमान्य मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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7,500 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे
जानकारी के मुताबिक प्रदेश में उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त कुल 16,513 मदरसे हैं. वहीं यह रिपोर्ट बताती है कि 7,500 मदरसे चल रहे हैं. इन्हीं के बारे में जानकारी करने के लिए सरकार ने मदरसा सर्वे कराया है, इसमें 7,500 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मिले है. ऐसे में प्रदेश में कुल मदरसों की संख्या अब 24 हजार से अधिक हो गई है.
आपको बता दें कि मुरादाबाद में मदरसा सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार सर्वाधिक 550 अमान्यता वाले मदरसे पाए गए हैं. इसके अलावा बस्ती में 350, लखनऊ में 100, प्रयागराज में 90, आजमगढ़ 95, मऊ में 90 व कानपुर में 85 से अधिक मदरसे अवैध मिले हैं और इनका डाटा भी अब योगी सरकार के पास पहुंच चुका है.
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दारुल उलूम देवबंद का मदरसा भी अमान्य
आपको बता दें कि सहारनपुर जिले में भी अब तक 360 मदरसे सरकार से गैर सहायता प्राप्त पाए गए. चौकाने वाली बात यह है कि जो दारुल उलूम देवबंद का 156 साल पुराना मदरसा फतवा जारी करता है, वह दारुल उलूम का मदरसा भी यूपी मदरसा बोर्ड से रजिस्टर्ड नहीं है और गैर मान्यता प्राप्त है.
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