डीएनए हिंदी: कानपुर हिंसा (Kanpur Violence ) मामले के एक महीने बाद तीन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है. कानपुर के पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने दो थानेदारों (SHO) को सस्पेंड कर दिया है, जबकि एक को लाइन हाजिर किया गया है. जिन थानेदारों के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है उनके इलाके में 3 जून को हिंसा भड़की थी.
जानकारी के मुताबिक, पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने हिंसा वाले इलाके के बेगमगंज के थानेदार नवाब अहमद और बजरिया के थानेदार संतोष सिंह को सस्पेंड कर दिया है. वहीं चमनगंज के थानेदार जैनेंद्र सिंह को लाइन हाजिर किया गया है. बेकनगंज वही इलाका है, जहां लोग इकट्ठा हुए थे और बाद में बवाल हुआ था. जबकि बजरिया क्षेत्र में हिंसा के आरोपी बाबा बिरयानी होटल के मालिक मुख्तार का घर है.
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पुलिस अधिकारियों की ढिलाई को लेकर कार्रवाई
पुलिस मान रही है कि हिंसा में पत्थरबाजी करने वाले युवा इसी थाना इलाके के रहने वाले हैं. हालांकि पुलिस अधिकारी इस कार्रवाई पर कुछ कहने से बच रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि ये कार्रवाई हिंसा के दौरान और उसके पहले पुलिस अधिकारियों की ढिलाई को लेकर की गई है.
3 जून को कानपुर में हुई थी हिंसा
आपको बता दें कि 3 जून को जुमे की नमाज के बाद कानपुर के कुछ इलाकों में जमकर पत्थरबाजी और हिंसा हुई थी. मामला दुकान बंद कराने को लेकर शुरू हुआ था और देखते ही देखते दो समुदाय आगे आ गए थे. हिंसा के बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की और 50 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था.
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नूपुर शर्मा के बयान से भड़की थी हिंसा
कानपुर में मुस्लिम संगठनों ने 3 जून को बंद बुलाया था. मुस्लिम संगठन बीजेपी से निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैंगबर मोहम्मद पर दिए विवादित बयान का विरोध कर रहे थे. इस दौरान हिंसा भड़क गई थी. पुलिस सीसीटीवी कैमरा के आधार पर आरोपियों की पहचान कर रही है. पुलिस ने कुछ आरोपियों के पोस्टर भी लगाए थे.
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