Emergency Landing: Go First फ्लाइट की जयपुर में इमरजेंसी लैंडिंग, क्यों एक महीने में 20 से ज्यादा बार खराब हुए प्लेन

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Jul 20, 2022, 06:40 PM IST

गो फर्स्ट एयरलाइंस को दो विमानों में मंगलवार को भी तकनीकी खामी सामने आई थी. इसके बाद DGCA ने दोनों विमानों की पूरी तरह जांच होने तक उड़ान भरने पर रोक लगा दी थी.

डीएनए हिंदी: दिल्ली (Delhi) से बुधवार को गुवाहाटी (Guwahati) के लिए रवाना हुई Go First एयरलाइंस की फ्लाइट G8 - 151 को अचानक जयपुर (Jaipur) में इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी. सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली से उड़ान भरने के बाद विमान की Windshield में क्रैक आ गया, इसके चलते उसे लैंड कराना पड़ा. 

ANI के मुताबिक, पायलट को उड़ान भरते ही क्रैक की जानकारी मिल गई थी, लेकिन खराब मौसम के कारण दिल्ली एयरपोर्ट पर वापस लैंडिंग करना संभव नहीं था. इसके चलते ATC ने विमान को जयपुर के लिए डायवर्ट कर दिया. जहां विमान की सुरक्षित लैंडिंग करा ली गई. सूत्रों का कहना है कि लैंडिंग के बाद सभी यात्री सुरक्षित हैं. हालांकि एयरलाइंस प्रबंधन की तरफ से इसे लेकर कोई बयान जारी नहीं किया गया है.

Go First के दो विमान में कल भी हुई थी गड़बड़

गो फर्स्ट की फ्लाइट्स में लगातार दूसरे दिन तकनीकी गड़बड़ी सामने आई है. मंगलवार को भी एयरलाइंस की मुंबई से लेह और श्रीनगर से दिल्ली जाने वाली अलग-अलग दो फ्लाइट को इंजन में गड़बड़ी के कारण वापस एयरपोर्ट पर लौटना पड़ा था. इसके बाद इन दोनों विमानों के इंजन का तकनीकी परीक्षण के उड़ान भरने पर DGCA ने रोक लगा दी थी. 

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एक महीने से लगातार चर्चा में है भारतीय एविएशन

भारतीय एविएशन पिछले एक महीने से लगातार चर्चा में है. इस दौरान अलग-अलग कंपनियों के डेढ़ दर्जन से ज्यादा विमानों में तकनीकी खामियां सामने आ चुकी हैं. इसके चलते केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Sindhia) ने खास तौर पर बैठक बुलाकर चिंता भी जताई है. छह जुलाई को DGCA (Directorate General of Civil Aviation) की तरफ से स्पाइसजेट (Spicejet) को नोटिस भी जारी किया गया था.

एक महीने में सामने आए कुछ मामले

  • 19 जून को पटना से दिल्ली जा रही स्पाइसजेट फ्लाइट की वापस एयरपोर्ट पर लैंडिंग
  • 19 जून को ही दिल्ली-गुवाहाटी स्पाइसजेट फ्लाइट टेक्निकल फॉल्ट के कारण वापस लौटी
  • 2 जुलाई को दिल्ली से जबलपुर जा रही फ्लाइट की दिल्ली में इमरजेंसी लैंडिंग
  • 5 जुलाई को दिल्ली से दुबई जा रही स्पाइसजेट फ्लाइट की कराची में इमरजेंसी लैंडिंग
  • 5 जुलाई को ही स्पाइसजेट की एक अन्य फ्लाइट को मुंबई में लैंड कराया गया
  • 14 जुलाई को जयपुर में इंडिगो (Indigo) की दिल्ली-वडोदरा फ्लाइट की भी कराई गई इमरजेंसी लैंडिंग
  • 17 जुलाई को शारजाह से हैदराबाद आ रही इंडिगो फ्लाइट की कराची में इमरजेंसी लैंडिंग
  • 17 जुलाई को ही कालीकट से दुबई जा रहे एअर इंडिया एक्सप्रेस के विमान की मस्कट में लैंडिंग

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आखिर क्यों हो रही है भारतीय विमानों में ये दिक्कत

विमान का हवा में उड़ान भरना बेहद जोखिमभरा काम है. इसके चलते विमान यात्रा को हर तरीके से सुरक्षित रखने के लिए तमाम तरह की जांच और सावधानियां बरतने का प्रावधान है. इसके बावजूद भारतीय विमानों में बार-बार गड़बड़ियों के पीछे क्या कारण हो सकते हैं, यह समझने के लिए हमें विमान के उड़ान भरने से पहले की पूरी प्रक्रिया समझनी होगी. यह प्रक्रिया निम्न होती है-

  • हर एयरलाइंस का एक मेंटिनेंस सेक्शन होता है या फिर उनके लिए यह काम कोई आउटसोर्स कंपनी करती है.
  • हर विमान के उड़ान भरने से पहले उसकी जनरल चेकिंग की जाती है, जिसमें ऑयल लीकेज या सॉफ्टवेयर टेस्टिंग प्रमुख है.
  • जनरल चेकिंग में पायलट या सहपायलट भी मेंटिनेंस क्रू के साथ रहकर केबिन का हर उपकरण टेस्ट करते हैं.
  • उड़ान भरने से पहले विमान की चेकिंग करते समय उसके फ्लूइड और टायर की हवा जरूर चेक की जाती है.
  • हर विमान के 300 से 400 घंटे उड़ान भरने के बाद उसकी एक बेहद डीप टेस्टिंग की जाती है, जिसमें हर पुर्जा चेक होता है.

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कितनी तरह की होती है प्लेन चेकिंग

  1. विमान की फ्लाइट पूर्व चेकिंग
  2. हर दूसरे दिन बेसिक चेक
  3. विमान के 300 घंटे पर 5 घंटे लंबा A-चेक
  4. हर 6 से 8 महीने में 3 दिन लंबा B-चेक
  5. हर 2 साल में दो हफ्ते का डीप C-चेक
  6. हर 6 साल में हैवी मेंटिनेंस विजिट या D-चेक

कहां होती हैं सबसे ज्यादा तकनीकी समस्याएं

  • विमान में उड़ान के दौरान सबसे ज्यादा समस्याएं कंप्यूटर कंट्रोल सिस्टम में आती हैं.
  • इस समस्या के लिए विमानन कंपनियों का सिस्टम अपडेट पर कम खर्च करना कारण है.
  • उड़ान के दौरान इंजन में आने वाली समस्याएं भी बेहद आम हैं. इससे विदेशी कंपनियां भी परेशान हैं.
  • विमान के विंग में भी समस्याएं आना आम बात है, यह ज्यादातर खराब मेंटिनेंस के कारण होती हैं.

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