डीएनए हिंदी: 5G Network को लेकर पिछले लगभग तीन साल से हल्ला मचा हुआ था और आखिरकार 1 अक्टूबर से भारत में आधिकारिक तौर पर 5G की शुरुआत हो गई है. रिलायंस जियो, एयरटेल वोडाफोन-आईडिया सभी टेलीकॉम सेक्टर (Telecom Sector) की कंपनियों ने अपने 5G नेटवर्क की शुरुआत कर दी है लेकिन अभी तक आम यूजर्स को 5G नेटवर्क से जुड़ा सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं मिला है. इसके लिए जिम्मेदार टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर नहीं बल्कि मोबाइल कंपनियां (Mobile Companies) हैं और यह ग्राहकों के साथ एक धोखाधड़ी भी कहा जा सकता है.
दरअसल, पिछले 3 वर्षों से यह सुनने को मिल रहा था कि कभी भी 5G Network लॉन्च किया जा सकता है. इसके जरिए यूजर्स को मिलने वाली इंटरनेट स्पीड और कॉलिंग के बेहतरीन फीचर्स भी गिनाए जा रहे थे. वहीं अब जब देश के कुल 13 शहरों में जबरदस्त 5G नेटवर्क की स्पीड देखने को मिल रही है तो उस दौरान स्मार्टफोन यूजर्स अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं क्योंकि वे तो अभी भी पुराना 4G Network इस्तेमाल करने को मजबूर हैं.
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5G Network का कब कर सकेंगे इस्तेमाल
दरअसल, दूरसंचार विभाग और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों और टेलीकॉम प्रोवाइडर्स के बीच एक अहम मीटिंग हुई थी. इस बैठक में स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों का कहना था कि वे अगले 3 महीने के भीतर सॉफ्टवेयर अपडेट के माध्यम से सभी 5G स्मार्टफोन पर 5जी सर्विस एनेबल कर देंगे. इस बैठक में सरकारी अधिकारियों ने फोन कंपनियों को टेस्टिंग और वैलिडेशन प्रोसेस में तेजी लाने और एक मॉनिटरिंग मैकानिज्म बनाने के लिए कहा है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक सीनियर इंडस्ट्री एग्जिक्यूटिव ने कहा कि तीन महीने के भीतर अधिकांश 5G स्मार्टफोन तैयार हो जाएंगे और उनके सॉफ्टवेयर अपडेट भी जारी कर दिए जाएंगे. वहीं इस बैठक में कुछ स्मार्टफोन ब्रांड्स ने कहा कि डिवाइस पर 5G नेटवर्क टेस्टिंग और वैलिडेशन का उद्देश्य कस्टमर सेटिसफिकेशन स्टैंडर्ड को पूरा करना है. इसलिए इसमें थोड़ा अधिक समय लगेगा जिसके बाद आम यूजर्स के लिए 5G सर्विसेज इस्तेमाल करने का फीचर मिल जाएगा.
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पीछे रह गईं टेलीकॉम कंपनियां
पिछले दो-तीन वर्षों में स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों ने एक 5G का लालच देकर अनेकों फोन बेचे हैं. आम भारतीय यूजर्स भी इस लालच में फोन ले रहा था कि जैसे ही 5G लॉन्च होगा वे तुरंत इसका एक्सपीरियंस ले पाएंगे. जिन लोगों ने दो-ढाई साल पहले 5G स्मार्टफोन खरीदे थे उनमें से अधिकतर लोगों के फोन्स पर तो अब सॉफ्टवेयर के अपडेट भी नहीं आते हैं. एक बड़ी जनसंख्या ऐसी भी है जो कि अपना पहला 5G फोन बदल कर दूसरा फोन भी ले चुकी है.
यह रवैया दिखाता है कि स्मार्टफोन कंपनियों ने अनिश्चितताओं के बीच 5G फोन बेचकर कंपनियों ने लोगों को भ्रमित किया और बस कमाई की ही सोच रखी. वहीं अब जब बात असल में 5G स्मार्टफोन पर हाई स्पीड इंटरनेट को यूज करने की आई है तो यूजर्स को यह कहा गया है कि अभी उन्हें तीन महीने और 5G नेटवर्क के इस्तेमाल के लिए संघर्ष करना होगा जो कि अजीबो-गरीब है.
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यूजर्स के मन में हैं कई सवाल
वहीं लोगों के मन में एक सवाल यह भी है कि जिन पुराने 5G स्मार्टफोन में सॉफ्टवेयर का अपडेट आना तक बंद हो गया है, उनमें सॉफ्टवेयर कंपनियां कैसे 5G इनेबल करेंगी और क्या वे लोग 5G अपने पुराने फोन में इस्तेमाल कर पाएंगे या नहीं? हालांकि एप्पल और सैमसंग जैसी कंपनियों ने यह कहा है कि वे इस साल नवंबर के अंत तक हर हालत में अपने सभी 5G स्मार्टफोन्स में 5G इनेबल कर देंगी लेकिन अन्य कंपनियों की नीति अभी इस मामले में पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुई है.
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