डीएनए हिंदी: मोबाइल आज के वक्त में एक अहम गैजेट बन गया है. हमारे जीवन के कठिन से कठिन कामों को यह मोबाइल बेहद आसान बना देता है लेकिन यह मोबाइल बच्चों के लिए खतरनाक है. बच्चों के हाथ लगने पर यह मोबाइल उनकी मासूमियत को छीन सकता है. उनकी फिजिकल एक्टिविटी रुक जाती है और बच्चों का मेंटल ग्रोथ भी इसके चलते सर्वाधिक प्रभावित होती है. ऐसे में डॉक्टरों और मनोवैज्ञानिकों का स्पष्ट कहना है कि बच्चों को मोबाइल से दूर ही रखना चाहिए.
बच्चों को पहले मोबाइल टाइम पास के लिए दिया जाता है और फिर उन्हें इसकी आदत हो जाती है. यह आदत लत में बदलकर पैरेंट्स के लिए मुसीबत बनती है और बच्चों के जीवन पर इसका नकारात्मक असर पड़ता है. ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चे को लगी मोबाइल की लत छूट जाए तो आपको कुछ खास बातों पर फोकस करना होगा.
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खुद को भी करना होगा कंट्रोल
बच्चे वही करते हैं जो माता पिता को करता देखते हैं. इसलिए आपको भी मोबाइल का कम से कम प्रयोग करना चाहिए. ऐसे में आपको भी कम से कम फोन का इस्तेमाल करना चाहिए. बच्चों के सामने तो मोबाइल का इस्तेमाल जरूरत से ज्यादा होना ही नहीं चाहिए.
डांट कर मत बनाएं दबाव
बच्चों पर मोबाइल को लेकर अचानक दबाव नहीं बनाया जा सकता है. इसलिए आवश्यक यह है कि उन्हें मोबाइल के बारे में प्यार से समझाएं और यदि बच्चे फोन चला रहें हों तो उन पर गुस्सा मत करें बल्कि बाद में उन्हें इसके नुकसान से अवगत कराएं.
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फोन के नुकसान की दें जानकारी
किसी भी चीज के नुकसान के बारे में जानकर ही उससे दूर हटने का मन करता है. ऐसे में बच्चों को मोबाइल के नुकसान के बारे में अवश्य बताएं. उन्हें यह बताना चाहिए कि कैसे फोन के ज्यादा इस्तेमाल से आंखों से लेकर स्किन तक पर बुरे प्रभाव पड़ते हैं.
बच्चों को न दें फोन
आज के दौर में बच्चों को रोता देख मां बाप उन्हें फोन दे देते हैं लेकिन असल में यही उनकी आदत को सबसे ज्यादा बिगाड़ देता है. इसलिए आवश्यक यह है कि बच्चों को मोबाइल न दें, बच्चों का मोबाइल से कम से कम परिचय कराएं.
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बच्चों को रखें व्यस्त
फोन के अलावा बच्चों को अन्य कामों में व्यस्त रखें. उन्हें उनकी फेवरेट एक्टिविटी करने दें और ज्यादा से ज्यादा क्रिएटिव और शारीरिक कार्यों में बिजी रखें जिससे उनका ध्यान खुद ही फोन से हट जाए.
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