डीएनए हिंदीः रोमांस चैट लिंक्स, डकी ड्रॉ, बिटकॉइन, बंपर सेल, अनलिमिटेड डेटा और फ्री प्रोडक्ट जैसे सैकड़ों SMS आपके फोन पर रोज आते होंगे. ऐसे में जो लोग इन फर्जी मैसेजेज के चक्कर में पड़ जाते हैं उन्हें लाखों रुपयों का चूना लग जाता है. ऐसा ही कुछ हुआ गुजरात में जहां पिछले तीन सालों में 1.27 लाख लोग ठगी का शिकार हो गए और उन्हें 814.8 करोड़ रुपये का चूना लग गया.
CID साइबर क्राइम की रिपोर्ट के अनुसार पिछले तीन सालों में हर दिन 115 लोग या फिर हर घंटे 1 व्यक्ति ऑनलाइन ठगी का शिकार हुआ. सीआईडी ने अपने रिपोर्ट में बताया कि इन घटनाओं को अंजाम देने के लिए ठगों ने 30,019 मोबाइल नंबर्स का इस्तेमाल किया. इसमें से ज्यादातर मोबाइल नंबर्स मेवात, अलवर, भरतपुर, मेरट, गाजियाबद, पश्चिम बंगाल के नादिया और अन्य ग्रामीण इलाकों में रजिस्टर्ड थे.
ज्यादातर नंबर्स हुए डिएक्टिवेट
गुजरात टेलिकॉम विभाग के डायरेक्टर सुमित मिश्रा ने बताया कि पिछले साल गुजरात की ओर से रिपोर्ट किए गए 30000 मोबाइल नंबर्स का री-वैरिफिकेशन किया गया और उसमें से 75 प्रतिश से ज्यादा डिएक्टिवेटेड पाए गए. इसके साथ ही ज्यादातर नंबर बाहर के थे. उन्होंने बताया कि साल 2022 गुजरात से ऐसे देश भर के 1500 मोबाइल नंबर्स को रिपोर्ट किया गया था जिसे ब्लॉक कर दिया गया.
साइबर क्राइम रोकना बना चैलेंज
CID साइबर क्राइम का कहना है कि साइबर क्राइम रोकना उनके लिए बड़ा चैलेंज बन गया है. इसके साथ ही सीआईडी ने इस तरह के नंबरों को बंद करने और नए नंबर जारी करने से पहले बेहतर तरीके से जांच करने की सिफारिश की है. इसके साथ ही साइबर क्राइम की टीम का कहना है कि लोगों में जागरूकता से ही इस तरह के मामलों में कमी आएगी. इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.
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