डीएनए हिंदी: भारतीय ऑटोमोबाइल मार्केट में लगातार इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicle) को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसमें केन्द्र सरकार (Central Government) की भी एक विशेष भूमिका मानी जा रही है. सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनियों को तगड़ी सब्सिडी भी दे रही है. वहीं जब से इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने की खबर सामने आई हैं तब से लोगों के मन में एक विशेष डर भी बैठ गया है. इसके चलते अब सरकार आग लगने वाले इलेक्ट्रिक स्कूटरों की निर्माता कंपनियों पर तगड़ा जुर्माना भी लगा सकती है.
दरअसल, आग लगने की बढ़ती घटनाओं के चलते भारत सरकार ने एक स्पेशल कमेटी का भी गठन किया था जिसको आग लगने की इन घटनाओं की जांच का जिम्मा दिया गया था. वहीं इस कमेटी की जांच के बीच अब एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इलेक्ट्रिक स्कूटर्स में आग की घटनाओं के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माताओं को कारण बताओ नोटिस भेजने के बाद उन पर जुर्माना लगाया जा सकता है.
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गुणवत्ता से न हो समझौता
गौरतलब है कि केंद्र सरकार अब कथित तौर पर इलेक्ट्रिक वाहनों में असुरक्षित बैटरी पैक का उपयोग करने के लिए कंपनियों पर फाइन लगाने की योजना बना रही है जिससे कंपनियां प्रोडक्ट की क्वालिटी को लेकर किसी तरह की कोताही न बरतें. रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत सरकार उन इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर निर्माता कंपनियों पर पेनल्टी लगाने की प्लानिंग कर रही है, जिनके इलेक्ट्रिक स्कूटर में पिछले कुछ समय में आग लगी.
वहीं दावा यह भी किया जा रहा है कि सरकार इन कंपनियों पर कोई गंभीर कार्रवाई करने की योजना नहीं बना रही है क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहन (EV) उद्योग अभी अपने शुरुआती चरण में है लेकिन सरकार का मानना है कि जुर्माना गुणवत्ता से समझौता करने वाली कंपनियों के लिए एक निवारक के रूप में कार्य करेगा और इससे यूजर्स से इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर लोगों के मन में बस डर भी खत्म होगा.
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कई वाहनों में लगी थी आग
गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों में ओला इलेक्ट्रिक से लेकर स्टार्ट-अप कंपनियों के कई दोपहिया वाहनों में आग लगने की खबर सामने आई थी जिसके चलते यूजर्स के मन में इनकी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए थे. इतना ही नहीं कुछ रिपोर्ट्स में तो इन स्कूटरों की तुलना बमों तक से की जाने लगी थी जो कि भारत सरकार के इलेक्ट्रिक वाहनों के विस्तार मिशन के लिए झटका हो सकता था.
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