केंद्र सरकार ने 2017 में टोल प्लाजा पर लगने वाली भीड़ और पेमेंट करने में होने वाली कठिनाइयों को देखते हुए FASTag की शुरुआत की थी. इससे लोगों को राहत तो मिली लेकिन इसके बार-बार रिचार्ज करने में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फास्टैग के बैलेंस को लेकर तोड़ निकाला, जिससे यूजर्स को बार-बार रिचार्ज नहीं करना पड़ेगा.
आरबीआई ने FASTag और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (National Common Mobility - NCMC) को ई-मेंडेट फ्रेमवर्क में शामिल कर लिया है. इसके तहत फास्टैग में तय लिमिट से अमाउंट कम होने पर यूजर के अकाउंट से पैसे ऑटोमैटिक जुड़ जाएंगे. इसका मतलब है कि अब FASTag को बार-बार रिचार्ज करने की झझट नहीं होगी. पर्याप्त बैलेंस नही होने पर भी टोल प्लाजा पर गाड़ी नहीं रुकेगी.
इससे पहले जब आप टोल प्लाजा पार कर रहे होते थे और फास्टैग में पैसे कम होते थे तो डबल पैसे देने पड़ते थे. ई-मैंडेट फ्रेमवर्क को साल 2019 में बनाया गया था. इसका मकसद ग्राहकों के खाते से कटने वाले पैसे का जानकारी देकर उनके हितों की रक्षा करना है.
मौजूदा ई-मेंडेट फ्रेमवर्क के अनुसार, ग्राहक के खाते से पैसे कटने से 24 घंटे पहले नोटिफिकेशन भेजना आवश्यक है. आरबीआई ने जून 2024 में यह घोषणा की थी कि फास्टैग में ऑटो रिचार्ज के लिए एनसीएमसी (NCMC) की राशि का उपयोग किया जा सकता है. इसके लिए कोई समय निर्धारित नहीं किया गया है और यह सुविधा ई-मेंडेट फ्रेमवर्क के अंतर्गत ही लागू होगी.
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FASTag में चुनना होगा ऑटो रिचार्ज का विकल्प
FASTag बैलेंस तय सीमा से जैसे नीचे आएगा ई-मेंडेट के तहत अपने आप खाते से जुड़ जाएगा. इसके लिए आपको एक बार ऑटो रिचार्ज का विकल्प चुनना होगा. इसके बाद, जब भी आपके कार्ड में बैलेंस कम होगा तो आपके खाते से पैसे ऑटोमेटिक कट जाएंगे. इसके लिए आपको हर बार अलग से मैसेज नहीं मिलेगा.
इस सुविधा से उन लोगों को ज्यादा फायदा होगा, जो अक्सर हाईवे पर सफर करते हैं और घर से निकलने से पहले फास्टैग रिचार्ज करना भूल जाते हैं. रिचार्ज की वजह से टोल प्लाजा पर उनकी गाड़ी नहीं रुकेगी और न ही डबल पैसा देना पड़ेगा.
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