Ford की कार ने नहीं दिया 32 KMPL का माइलेज, अब कंपनी देगी लाखों का जुर्माना

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Dec 06, 2022, 06:21 PM IST

Ford Motors ने भारत में अपना सभी तरह का कामकाज और बिजनेस खत्म कर दिया है लेकिन अब कंपनी को कोर्ट से एक बड़ा झटका लगा है.

डीएनए हिंदी: भारतीयों ऑटो मोबाइल मार्केट (Indian Automobile Market) तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में ग्राहकों को लुभाने के लिए ऑटोमोबाइल कंपनियां नए-नए मार्केटिंग के तरीके अपनाती हैं. माइलेज या एवरेज (Car Mileage) इसमें सबसे अहम होता है क्योंकि कार खरीदने से पहले लोग सवाल यही करते हैं कि कार कितना माइलेज या एवरेज देती है. कार के माइलेज और फ्यूल खपत पर लोगो का सबसे ज्यादा ध्यान होता है. ऐसे में वादे के मुताबिक Ford की कार फिएस्टा (Ford Fiesta) 32 किलमोटर प्रति लीटर का माइलेज नहीं दे पाई तो कंपनी के खिलाफ केस दर्ज कर दिया गया. 

दरअसल, केरल में फोर्ड की फिएस्टा कार खरीदने वाली एक महिला कार के माइलेज दावे को लेकर काफी खुशी थीं. कंपनी ने दावा किया था कि फोर्ड की यह कार 32 किलोमीटर प्रति लीटर का एवरेज देगी. कंपनी का यही दावा उसपर भारी पड़ गया है. केरल की एक महिला ने कंपनी के दावे के खिलाफ कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 1986 के तहत कंज्यूमर कोर्ट में अपील की और इसमें कंपनी अब बुरा फंसी है.

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कंपनी को देना होगा जुर्माना

महिला ने केरल की कोर्ट में अमेरिकी कंपनी की मुसीबत खड़ी कर दी थी. इस मामले में अब केरल की कोर्ट ने कंपनी को तीन लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा है. फोर्ड ने जिस दावे के आधार पर अपनी एक लोकप्रिय गाड़ी  फोर्ड फिएस्टा बेची थी, उस गाड़ी के चलते ही अब उसे भारतीय ग्राहक को तीन लाख रुपये का जुर्माना देना होगा. 

कोर्ट में क्या बोली Ford

केरल की अदालत ने इस मुद्दे पर फोर्ड की क्लास लगा दी थी. इस पर कंपनी की ओर से कोर्ट में जवाब दिया गया जिससे कोर्ट संतुष्ट नहीं हुई. कंपनी ने कहा कि कार का एवरेज ड्राइविंग के तरीके पर निर्भर करता है. इसके अलावा सड़क और ट्रैफिक के साथ कई अन्य परिस्थितियां भी इसके लिए जिम्मेदार होती हैं. इसके अलावा कंपनी ने एक और शिकायत पर जवाब दिया कि टायर बनाने वाली कंपनी ने टायर की जांच की थी जिसके बाद यह पाया गया था कि टायर में खराबी एक मैन्यूफेक्चरिंग डिफेक्ट नहीं है, बल्कि रोड पर कार चलाने के दौरान टायर में खराबी हुई है जिसके चलते माइलेज में कमी आई.

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कोर्ट ने महिला के हक में दिया फैसला

विशेषज्ञों की जांच रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट इस नतीजे पर पहुंचा कि फोर्ड ने कार बेचने के लिए गलत तरीके से प्रचार किया था. इसके चलते कोर्ट ने महिला ग्राहक को हुए नुकसान के लिए डेढ़ लाख रुपये, महिला को हुई परेशानी के लिए डेढ़ लाख अन्य रुपये का जुर्माना लगाय था. इसके अलावा कोर्ट के मुकदमे की लागत के लिए दस हजार रुपये के देने का आदेश दिया है. 

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