डीएनए हिंदीः उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बुधवार को कहा कि सरकार मोबाइल, टैबलेट जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए एक ही चार्जर (Same Charger for All Devices) की संभावना तलाशने को लेकर विशेषज्ञ समूहों का गठन करेगी. ये समूह दो महीनों में विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगे. उद्योगों से जुड़े पक्षों के साथ बैठक के बाद सचिव ने कहा कि भारत शुरुआत में दो प्रकार के चार्जर अपनाने पर विचार कर सकता है. इसमें सी प्रकार का चार्जर भी शामिल है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह जटिल मुद्दा है. देश चार्जर के विनिर्माण की स्थिति में है. हमें अंतिम निर्णय लेने से पहले उद्योग, उपयोगकर्ताओं, विनिर्माताओं समेत सभी के दृष्टिकोण को समझना है.’’
अलग-अलग विशेषज्ञ समूह बनाए जाएंगे
सिंह ने कहा कि प्रत्येक पक्ष का अलग नजरिया है और उन मुद्दों पर अलग-अलग विचार के लिये विशेषज्ञ समूहों का गठन किया जाएगा. मोबाइल, फीचर फोन, लैपटॉप और आइपैड तथा पहने जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में इस्तेमाल होने वाले चार्जिंग पोर्ट का अध्ययन करने के लिए अलग-अलग विशेषज्ञ समूह बनाए जाएंगे. सचिव ने कहा कि समूहों को इस महीने अधिसूचित किया जाएगा और वे दो महीने में अपनी सिफारिशें देंगे. उन्होंने कहा कि हालांकि क्षेत्र विशेष के संगठनों और विनिर्माता ई-कचरे को लेकर चिंता पर सहमति जतायी है. लेकिन उन्होंने इस मामले में और चर्चा की बात कही है.
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10 में से 9 लोग चाहते हैं यूनिफॉर्म चार्जर्स
एक सर्वे के अनुसार अधिकांश भारतीय अपने मोबाइल के लिए एक समान चार्जिंग केबल चाहते हैं और उनका मानना है कि निर्माता बिक्री बढ़ाने के लिए अलग-अलग चार्जिंग केबल वाले उपकरण बनाते हैं. लोकलसर्किल द्वारा अध्ययन यूरोपीय आयोग द्वारा हाल ही में अनिवार्य किए जाने के बाद आयोजित किया गया था कि सभी मोबाइल डिवाइस 2024 तक पूरे यूरोपीय संघ के देशों में एकल चार्जिंग मानक के रूप में यूएसबी-सी का सपोर्ट करते हैं. देश के 303 जिलों में उत्तरदाताओं के माध्यम से, संगठन ने पाया कि 10 उत्तरदाताओं में से 9 (11,000 से अधिक प्रतिभागियों में) मानकीकृत चार्जिंग केबल चाहते हैं, जबकि 10 में से 7 का मानना है कि निर्माता व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए मतभेद पैदा करते हैं.
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