Google और Apple को टक्कर देने के लिए जल्द आ रहा है स्वदेशी IndOS, सरकार तेजी से कर रही है काम

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 17, 2023, 01:41 PM IST

IndOS

भारत सरकार IndOS ऑपरेटिंग के जरिए गूगल एंड्रॉयड और एपल iOS की मनॉपली को खत्म करना चाहती है और इससे यूजर्स को ज्यादा सिक्योरिटी भी मिलेगी.

डीएनए हिंदीः भारत सरकार 'IndOS' नाम के एक ऐसे ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम कर रही है जो गूगल के एंड्रॉयड (Android) और एपल के iOS ऑपरेटिंग सिस्टम को टक्कर देगा. इस ऑपरेटिंग सिस्टम से यूजर्स को ज्यादा सिक्योरिटी मिलेगी और मोबाइल मार्केट में गूगल और एपल के वर्चस्व को भी खत्म किया जा सकेगा. 

बिजनेस स्टैंडर्ड कि रिपोर्ट के मुताबिक एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया “भारत दुनिया के सबसे बड़े मोबाइल डिवाइस बाजारों में से एक है. हमारा उद्देश्य एक सुरक्षित भारतीय मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम बनाना है जो भारतीय बाजार में एंड्रॉयड के प्रभुत्व और आईओएस के एक छोटे हिस्से के लिए विकल्प और प्रतिस्पर्धा भी पैदा कर सके." 

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि IndOS बनाने का कदम महत्वपूर्ण है. यह ऐसे समय में आया है जब Google देश में जांच के दायरे में है और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने Android Play Store पॉलिसी के माध्यम से अपने पावर का कथित रूप से गलत इस्तेमाल करने के लिए पहले ही जुर्माना लगा दिया है.

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रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूएस-आधारित टेक जायंट ने हाल ही में एक सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में कहा कि Google के एंड्रॉयड इकोसिस्टम का विकास भारत में एक एंटीट्रस्ट ऑर्डर के कारण ठप होने के कगार पर है, जो कंपनी को यह कहता है कि वह अपने प्लेटफॉर्म को मार्केट में कैसे पेश करे.

गूगल पर लगा 161 मिलियन डॉलर का जुर्माना

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने अक्टूबर में अल्फाबेट इंक के स्वामित्व वाली Google पर Android में अपनी प्रमुख स्थिति का फायदा उठाने के लिए  161 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया है और कंपनी से स्मार्टफोन्स पर प्री-इंस्टॉलिंग ऐप्स को लेकर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने के लिए कहा है. बता दें 97 प्रतिशत स्मार्टफोन्स गूगल के एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलते हैं.

गूगल ने इसको लेकर कहा है कि CCI का निर्णय उसे अपने लंबे समय से चले आ रहे बिजनेस मॉडल को बदलने के लिए मजबूर करेगा.इसके साथ ही कंपनी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए रिपोर्ट में इसके प्रभाव और बदलाव करने की डिटेल भी दी गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि गूगल को मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट को संशोधित करने, नए लाइसेंस समझौते पेश करने और 1,100 से अधिक डिवाइस निर्माताओं और हजारों ऐप डेवलपर्स के साथ अपनी मौजूदा व्यवस्था में बदलाव करने की आवश्यकता होगी.

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