ऑनलाइन गेमिंग पर इतने प्रतिशत टैक्स को मंजूरी, GST काउंसिल ने लिया फैसला

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 11, 2023, 08:19 PM IST

Online Gaming 

GST Council Meeting: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई बैठक में ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्स लगाने का फैसला लिया गया. आइए जानते हैं कि जीएसटी काउंसलिंग ने क्या-क्या फैसले लिए हैं.

डीएनए हिंदी: वस्तु एवं सेवा कर परिषद (GST Council) ने मंगलवार को अपनी 50वीं बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णयों की घोषणा करते हुए कहा कि ऑनलाइन गेमिंग, हॉर्स रेस और कैसीनो पर GST लगाया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. अगर आप सिनेमाहॉल में पॉपकॉर्न और समोसे खरीदते हैं तो यहां राहत मिल सकती है. आइए जानते हैं कि बैठक में क्या फैसले लिए गए.

दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित जीएसटी काउंसिल की बैठक में ऑनलाइन गेमिंग को जीएसटी कानून के दायरे में लाया गया है. पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग, हॉर्स रेस और कैसीनो पर 28% जीएसटी लगाया जाएगा. अबतक 18 फीसदी जीएसटी दर लागू थी, जो 10 फीसदी बढ़ा दी गई है. वित्त मंत्री ने कहा कि परिषद ने कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली डाइनुटक्सिमैब दवा और दुर्लभ बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले विशेष चिकित्सकीय खाद्य उत्पाद (एफएसएमपी) के आयात पर जीएसटी से राहत देने का भी फैसला किया है. 

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जीएसटी काउंसिल में लिए गए ये फैसले 

महाराष्ट्र के वन एवं मत्स्यपालन मंत्री सुधीर मुनगंतीवार ने कहा कि जीएसटी परिषद ने ऑनलाइन गेमिंग के मामले में दक्षता वाले खेल और किस्मत आधारित खेल के बीच फर्क करने की संकल्पना नहीं अपनाने का फैसला किया है. इन तीनों खेलों में दांव पर लगाने वाली समूची राशि पर ही 28 प्रतिशत की दर से कर वसूला जाएगा. इसके अलावा जीएसटी परिषद ने अपीलीय न्यायाधिकरणों के गठन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी. जीएसटी परिषद ने अपीलीय न्यायाधिकरणों के गठन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी. 

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फिक्की गेमिंग समिति ने किया यह आग्रह 

ऑनलाइन गेमिंग फर्मों के समूह ने फिक्की गेमिंग समिति के माध्यम से केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) से आग्रह किया है कि इस क्षेत्र के लिए जीएसटी दर को 18% से बढ़ाकर 28% न किया जाए. कंपनियों ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के अस्तित्व के लिए यह बेहद हानिकारक होगा. कंपनियों का कहना है कि  कोई भी व्यावसाय इतने हाई टैक्सेशन के साथ नहीं चल पाता है.

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