डीएनए हिंदीः इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर्यावरण के लिए काफी बेहतर हैं यही कारण है कि ज्यादातर लोग अब इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को अपना रहे हैं. इसी कड़ी में अब हिमाचल प्रदेश सरकार ने भी सभी सरकारी विभागों द्वारा उपयोग किए जाने वाले पेट्रोल और डीजल वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन में बदलने का फैसला किया है. सरकार अगले पांच सालों में चरणबद्ध तरीके से सभी डीजल और पेट्रोल वाहनों को इलेक्ट्रिक व्हीकल में बदल देगी. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि पर्यावरण को स्वच्छ और हरा-भरा रखने के लिए ईवी को प्राथमिकता दी जा रही है.
नरेश चौहान ने आगे कहा कि अगले 5 सालों में सभी सरकारी विभाग सिर्फ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स खरीदेंगे और राज्य में चार्जिंग स्टेशन भी बढ़ाए जाएंगे. उन्होंने कहा, “हम पर्यावरण को संरक्षित करेंगे और ऊर्जा की भी बचत करेंगे. हमारी सरकार ने अगले पांच सालों में सभी सरकारी विभागों में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए जाने का फैसला किया है.”
एक ओर जहां राज्य सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की खरीदारी करेगी वहीं दूसरी ओर चार्जिंग स्टेशन को बढ़ाने पर भी काम किया जाएगा. हिमाचल सरकार 2021 में ही डेडिकेटेड ईवी पॉलिसी पेश कर कर चुकी है जिसमें 2025 तक राज्य के 15 प्रतिशत वाहनों को इलेक्ट्रिक करने का लक्ष्य रखा गया है. इस ईवी पॉलिसी के तहत हिमाचल सरकार ने अलग-अलग इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की खरीद पर इन्सेंटिव भी पेश कर रही है और इसके साथ ही पब्लिक ईवी चार्जिंग स्टेशन नेटवर्क को बनाने की भी योजना बनाई है.
हर एक स्क्वायर किलोमीटर में होगा ईवी चार्जिंग स्टेशन
हिमाचल सरकार की ईवी पॉलिसी के अनुसार सभी बड़े शहरों और कस्बों में हर एक स्क्वायर किलोमीटर में ईवी चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे. इसके अलावा हाईवे के हर 25 किलोमीटर पर दोनों साइड में एक स्लो चार्जिंग स्टेशन होगा. वहीं नेशनल हाईवे के हर 50 किलोमीटर पर दोनों साइड पर एक फास्ट चार्जिंग स्टेशन होगा.
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