पहले स्टेज पर Mouth Cancer का खुलासा करेगा ये टूथब्रश, IIT Kanpur ने किया कमाल 

Written By पुनीत जैन | Updated: Apr 02, 2024, 11:48 PM IST

Mouth Cancer 

Mouth Cancer से निजाद पाने के लिए IIT Kanpur ने टूथब्रश जैसा दिखने वाला एक यंत्र तैयार किया है. कहा जा रहा है कि यह पहली स्टेज के कैंसर को पकड़ने में भी सक्षम है.

कैंसर एक जानलेवा बिमारी है. जानकारी के अनुसार ये पुरुषों और बड़े-बुजुर्गों में खासकर की 45 साल की उम्र से बढ़े लोगों में काफी कॉमन है. डब्लूएचओ के आकड़ों के मुताबिक साल 2020 में ओरल कैंसर के कारण लगभग 1,77,757 लोगों की मौत के मामले रिकॉर्ड किए गए थे. माउथ कैंसर या ओरल कैंसर तंबाकू का सेवन करने और खराब हाइजीन के कारण होता है.

माउथ कैंसर के लक्षण काफी मामूली होते हैं. शुरुआती स्टेज पर इसकी पहचान करना काफी मुश्किल हो जाता है. इसके चलते कई लोग इसे नजर अंदाज करने की भूल करते हैं. ऐसे में आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों और जेके कैंसर इंस्टीटयूट के डॉक्टरों ने टूथब्रश जैसा दिखने वाला एक यंत्र तैयार किया है, जो इस समस्या में काफी कारगर साबित होगा. वैज्ञानिकों का दावा है कि यह टूथब्रश जैसा दिखने वाला डिवाइस कैंसर को पहले स्टेज से ही पकड़ने में सक्षम है. 


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कुछ सैकेंड में मिलेगी जांच की रिपोर्ट 
जानकारी के मुताबिक आईआईटी कानपुर के केमिकल इंजीनियर विभाग के वरिष्ठ साइंटिस्ट प्रोफेसर जयंत कुमार सिंह व उनकी टीम ने इस डिवाइस का अविष्कार किया है. संस्थान द्वारा इसका नाम "मुख परीक्षक" रखा गया है. प्रोफेसर सिंह ने बताया कि इससे पहले टिश्यू का इस्तेमाल करके ओरल कैंसर की पहचान होती थी, जिसमें काफी समय लगता था. लेकिन अब इस डिवाइस के जरिए ओरल कैंसर की जांच के लिए टिश्यू लेने की जरुरत नहीं पड़ेगी और इसकी रिपोर्ट भी जल्द मिल जाएगी. 


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ऐसे करेगा काम
कैंसर की पहचान करने के लिए मुंह के अंदर इस डिवाइस को घुमाना होगा जिसके बाद इसमें लगे सेंसर और कैमरे मुंह के अंदर की तस्वीर खींच कर संस्थान के द्वारा डेवलप किए गए ऐप पर शेयर करेंगें. जिससे कैंसर की मौजूदगी का पता चल जाएगा. 

डिवाइस में मिलेंगे इतने फीचर 

  • हेंडहैल्ड और पोर्टेबल 
  • सेल्फ पावर बेकअप 
  • वायरलेस कनेक्शन 
  • केमिकल फ्री 
  • डेटा स्टोरेज

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अस्पतालों में हुआ सफल ट्राइल 
डिवाइस में एआई सेंसर का इस्तेमाल किया गया है ताकि डिवाइस मुंह के अंदर हर हिस्से की बारीकी से जांच कर सके. डिवाइस को छोटे से छोटे और बड़े से बड़े दाने की भी बारीकी से जांच करने के लिए बनाया गया है. इसकी मदद से कैंसर की पहली स्टेज पर मौजूद कैंसर सेल्स का भी पता लगाया जा सकता है. जानकारी के मुताबिक कानपुर स्थित जेके कैंसर अस्पताल समेत देश के कई अस्पतालों में इसका परिक्षण किया गया था और सभी अस्पतालों में यह ट्रायल सफल रहा. जल्द ही इस तकनीक को मार्केट में लाने के लिए लाइसेंस दिया जाएगा. जिसके बाद यह मार्केट में लोगों के लिए उपलब्ध हो जाएगा. कहा जा रहा है कि बिक्री के लिए इसकी कीमत 1 लाख रुपये से कम रखी जाएगी और 6 महीने के भीतर इस डिवाइस को खरीदा जा सकता है.  

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