डीएनए हिंदी: भारतीय रेलवे (Indian Railways) को देश के यातायात की जान माना जाता है. इसमें प्रतिदिन करीब ढाई करोड़ लोग यात्रा करते हैं. इसमें टिकट देने से लेकर खाना उपलब्ध कराने का जिम्मा आईआरसीटीसी (IRCTC) के हाथों में है. भारतीय रेलवे की सहायक कंपनी इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन यानी IRCTC के पास यूजर्स का 100TB से ज्यादा डेटा है और खबरें हैं कि अब यह डाटा बेचा जाएगा.
दरअसल, IRCTC के पास मुख्य तौर यात्रियों का बड़ा डेटा है. इसमें टिकट बुक करने वाले सभी लोगों के नाम से लेकर नंबर तक तमाम डिटेल्स मौजूद हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कंपनी आपके पर्सनल डेटा को बेचने जा रही है. इसके जरिए कंपनी की 1,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है और इससे रेलवे के घाटे को भी कंट्रोल किया जा सकेगा.
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IRCTC ने जारी किया है टेंडर
IRCTC ने इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया है. इसके बाद कंपनी ने कहा है कि ग्राहकों के डाटा प्राइवेसी का भी ख्याल रखेगी. कंपनी के इस फैसले का असर भी दिखने लगा था. शुक्रवार को स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी का शेयर 3.09 फीसदी की तेजी के साथ 735.10 रुपये पर बंद हुआ था. वहीं कारोबार के दौरान यह 752 रुपये तक चला गया था जो कि निवेशकों के लिए एक सहज स्थिति थी.
खबरों के मुताबिक टेंडर में कहा गया है कि IRCTC एक कंसलटेंट नियुक्त करेगी जो उन्हें यूजर्स के डेटा को बेचने के तरीकों पर सुझाव देगा और कंपनी का कहना है कि लोगों का डाटा पूर्णतः सुरक्षित है. IRCTC ने यूजर्स के डाटा की सुरक्षा को लेकर कहा है कि ग्राहकों के डाटा प्राइवेसी का भी ख्याल रखा जाएगा.
यूजर्स को सता रहा है डर
कंपनी के आश्वासन के बावजूद यूजर्स के मन में प्राइवेसी और सेफ्टी से जुड़े सवाल उठ रहे हैं. IRCTC के पास यूजर्स का 100TB से ज्यादा डाटा है. इसमें टिकट बुक कराने वालों के नाम से लेकर तमाम डिटेल्स मौजूद है. कई लोगों को लग रहा है कि सरकार उनकी पर्सनल डिटेल्स बेचकर पैसा कमाने की प्लानिंग कर रही हैं. उन्हें डर है कि इस डाटा का गलत इस्तेमाल हो सकता है. कंपनी का कहना है कि यूजर्स के एक्सपीरियंस को बेहतर करना चाहती हैं. इसके साथ ही थर्ड पार्टी से डाटा शेयर करके पैसे भी कमाएगी.
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डाटा सुरक्षा का रखा जाएगा ध्यान
जानकारी के मुताबिक टेंडर के तहत कोई भी एजेंसी या कंपनी आईआरसीटीसी से यूजर्स डाटा ले सकती हैं. IRCTC उनके साथ ट्रैवलिंग पैटर्न, हिस्ट्री और लोकेशन से जुड़ा डेटा ही शेयर करेगी. ऐसा करते समय भी आईटी कानून के तहत यूजर्स की फाइनेंशियल प्राइवेसी का पूरा ख्याल रखा जाएगा. वहीं डाटा मोनेटाइजेशन के तहत यूजर्स के बैंक और ट्रांजैक्शन का डेटा शेयर नहीं किया जाएगा जो कि यूजर्स को आश्वासन देने की कोशिश हो सकता है.
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