डीएनए हिंदी: पुरानी गाड़ियों की खरीद-फरोख्त में धांधली खूब होती है. इनसे छेड़छाड़ करके गाड़ियों को आपराधिक गतिविधियों के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. इसी के चलते अब नरेंद्र मोदी सरकार कई बड़े बदलाव करने वाली है. आने वाले 1 अप्रैल, 2022 से सेकेंड हैंड कारों को खरीदने और बेचने के नियमों को बदला जाएगा. सड़क परिवहन मंत्रालय इन नियमों को बदलने जा रहा है. इससे वाहनों की चोरी और फिर उनकी बिक्री पर रोक लगाई जा सकेगी.
सड़क परिवहन मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है. इन नए नियमों की मदद से सही डीलर और गाड़ी की पहचान करने में आसानी होगी. इसके अलावा, चोरी की गाड़ियों की फर्जी बिक्री और खरीद पर भी लगाम लगाई जा सकेगी. इसी को ध्यान में रखते हए मंत्रालय ने डीलरों के जरिए गाड़ी की बिक्री और खरीद को लेकर पारदर्शी बनाने के नए नियमों का ऐलान किया है.
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बदले जाएंगे पुरानी गाड़ी खरीदने-बेचने के नियम
इसके लिए, सेंट्रल मोटर व्हीकल नियम, 1989 के चैप्टर 3 में बदलाव किया है. ये नए नियम और बदलाव 1 अप्रैल 2023 से लागू किए जाएंगे. इससे पुरानी कार के मार्केट को रेगुलेट करने में भी मदद मिलेगी और आम लोग भी धोखाधड़ी का शिकार होने से बचेंगे. नए नियमों के जरिए पुरानी गाड़ियों की खरीद और बिक्री करने वाले डीलरों को एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा. इससे, गाड़ी बेचने वाले और खरीदने वाले लोग असली डीलर की पहचान कर सकेंगे.
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साथ ही, गाड़ी के मालिक और डीलर के बीच के संबंध भी स्पष्ट रखे जाएंगे. डीलर के पास गाड़ी होने पर सारी जिम्मेदारी उसी की होगी. नए नियमों के मुताबिक, हर गाड़ी के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रिप रजिस्टर अनिवार्य किया जाएगा. डीलर खुद ही रिन्यूअल ऑफ रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट या रिन्यूअरल ऑफ सर्टिफिकेट फिटनेस, डुप्लिकेट आरसी, एनओसी और ट्रांसफर ऑफ ओनरशिप के लिए अप्लाई कर सकेंगे. अगर गाड़ी का कोई भी कागज गायब होगा तो इसकी जानकारी अथॉरिटी को देनी होगी.
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