SHOCKING! फिंगरप्रिंट्स से लेकर स्क्रीनशॉट्स तक, बॉट मार्केट में बिक गया 6 लाख भारतीयों का डेटा, जानें पूरा मामला

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Dec 08, 2022, 04:38 PM IST

data hacking

NordVPN बॉट मार्केट के अब तक के डेटा की स्टडी कर इस बात का पता लगाया है कि अब तक लगभग 50 लाख लोगों के डेटा को चुराकर बॉट मार्केट में बेचा जा चुका है.

डीएनए हिंदीः दुनिया की सबसे बड़ी वीपीएन सर्विस प्रोवाइडर्स में से एक नॉर्ड वीपीएन ने अपने रिसर्च में खुलासा किया है कि अब तक लगभग 5 मिलियन यानी 50 लाख लोगों का डेटा चुराकर बॉट मार्केट में बेचा जा चुका है. इसमें भारत सबसे ज्यादा प्रभावित है और यहां के 6 लाख लोगों का डेटा शामिल है.

बता दें कि बॉट मार्केट्स का इस्तेमाल चुराए गए डेटा को बेचने के लिए किया जाता है. इन डेटा को हैकर्स बॉट मालवेयर के जरिए लोगों के अलग-अलग डिवाइस से चुराते हैं. नॉर्ड वीपीएन की स्टडी के अनुसार चुराए गए डेटा में यूजर्स के लॉगिन्स, कुकीज, डिजिटल फिंगरप्रिंट्स, स्क्रीनशॉट्स और अन्य जानकारी शामिल है. इस डेटा में एक व्यक्ति के डिजिटल आइडेंटिटी को 490 रुपये की कीमत में बेचा जा रहा है. बॉट मार्केट को 2018 में लॉन्च किया गया था और नॉर्ड वीपीएन ने तबसे अबतक के डेटा को ट्रैक किया है. 

नॉर्ड वीपीएन ने तीन बड़े बॉट मार्केट्स जेनेसिस मार्केट, रशियन मार्केट और 2Easy पर स्टडी की और पाया कि चोरी किए गए डेटा में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और फेसबुक अकाउंट्स के लॉगिन्स शामिल हैं. नॉर्ड वीपीएन के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर मैरिजस ब्रैदिस ने बताया कि बॉट मार्केट्स अन्य डार्क वेब मार्केट्स से काफी अलग है और इसमें हैकर्स एक जगह से एक व्यक्ति का ज्यादा से ज्यादा डेटा हासिल करने में सफल रहते हैं. इसके साथ ही डेटा बेचने के बाद हैकर्स खरीदने वाले को इस बात की भी गारंटी देते हैं कि उन्हें तब तक यूजर्स की जानकारी मिलती रहेगी जब तक यूजर का डिवाइस बॉट से प्रभावित रहेगा. नॉर्ड वीपीएन के रिसर्चर्स ने अपने स्टडी में 667 मिलियन कुकीज, 81,000 डिजिटल फिंगरप्रिंट्स, 5,38,000 ऑटो-फिल फॉर्म्स, अलग-अलग डिवाइस के स्क्रीनशॉट्स और वेबकैम स्नैप्स पाए हैं. 

भारत में लगातार बढ़ रहा है साइबर सिक्योरिटी का खतरा

आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब भारतीय यूजर्स के डेटा को बेचे जाने की बात सामने आई है और यही कारण है कि भारत के लिए साइबर सिक्योरिटी अभी भी चिंता का विषय बना हुआ है. अभी की बात करें तो 23 नवम्बर को ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) के कई सर्वर को निशाना बनाया गया था और उसके एक सप्ताह बाद 30 नवम्बर को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) पर भी 24 घंटे में 6000 हैकिंग अटेम्प्टस करने की खबरें सामने आई थीं. 


यह भी पढ़ें:  Forbes ने दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट की जारी, Elon Musk पहुंचे दूसरे नंबर पर

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.