Toll Tax के लिए सरकार के पास है नया प्लान, हाईवे से खत्म होंगे टोल प्लाजा, जानिए कैसे होगी वसूली

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Dec 12, 2022, 09:15 PM IST

Toll Tax System में बदलाव करने के लिए भारत सरकार ANPR कैमरे लगाने पर जोर दे रही है. इसके बाद सभी टोल प्लाजा खत्म कर दिए जाएंगे.

डीएनए हिंदी: भारत में टोल टैक्स वसूलने की नीतियां काफी उलझी हुई हैं. ऐसे में अब इसमें बदलाव की प्लानिंग शुरु हो गई है. टोल टैक्स जमा करने के लिए टोल प्लाजा पर गाड़ियों की लंबी लाइन लगती है जिससे समय की बहुत बर्बादी होती है. ऐसे में टोल प्लाजा पर जल्द ही टोल वसूलने के लिए ANPR कैमरे लगाए जाएंगे. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport & Highway) का दावा है कि इससे समय की बचत होगी. इन कैमरों के इन्स्टॉलेशन का मकसद यह है कि गाड़ियों को टोल प्लाजा पर ज्यादा इंतजार न करना पड़े. इम कैमरों की मदद से आसानी से टोल के पैसे कट जाएंगे और गाड़ियां हाईवे पर फर्राटा भरते हुए आगे बढ़ जाएंगी. 

केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के प्लान के तहत केंद्र सरकार इस नई टोल संग्रह प्रणाली को लागू करने वाली है. यह नया सिस्टम लागू हो उससे पहले हमारे लिए भी यह समझना जरूरी है कि आखिर नई टोल नीति क्या है और यह कैसे काम करेगी. इसमें सबसे पहला सवाल यह आता है कि आखिर ANPR क्या है. परिवहन मंत्रालय के मुताबिक देश भर के सभी टोल प्लाजा को राष्ट्रीय राजमार्गों से हटा दिया जाएगा. टोल प्लाजा के बजाय एएनपीआर लगाया जाएगा, जो वाहन की नंबर प्लेट देखकर पैसा काट लेगा. 

ANPR Camera काट लेगा टोल का पैसा

बता दें कि यह खास कैमरा वाहन मालिक के लिंक्ड बैंक खाते से टोल की राशि काट लेगा. नया टोल सिस्टम वाहनों की नंबर प्लेट की तस्वीर लेने के लिए प्रवेश और निकास बिंदुओं को एएनपीआर कैमरों से लैस करेगा. आखिरी एएनपीआर कैमरा वाहन मालिक के लिंक्ड बैंक खाते से टोल राशि काटने के लिए सिस्टम को संकेत देगा जिससे कारों को रुकने की जरूरत तक नहीं पड़ेगी और न ही कोई लंबा जाम लगेगा. 

कितना परफेक्ट है ANPR

एएनपीआर के परफेक्शन की बात करें तो लोगों के मन में इसे लेकर कुछ कनफ्यूजन भी हैं. इसमें सबसे बड़ी दुविधा यह है कि कैमरा उन्हीं वाहनों की नंबर प्लेट पढ़ सकेगा, जो 2019 के बाद आए थे और कैमरों में द्वारा दर्ज थे. ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत सरकार ने 2019 में यात्री वाहनों में ओईएम-फिटेड नंबर प्लेट लगाने का नियम बनाया था. ऐसे में जो गाड़ियां पहले की हैं उनमें ऐसी कोई तकनीक है ही नहीं.

कई बार यह सिस्टम डाटा न होने के चलते गाड़ियों को पैसा काटे बिना ही जाने देता है. ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरों को नौ अंकों से ज्यादा नंबर के रजिस्ट्रेशन वाली नंबर प्लेट पढ़ने में भी समस्या होती है. भारत में कई वाहन मालिक नंबर प्लेट पर नाम या अन्य टेक्स्ट इस्तेमाल करते है जिससे प्लेट विचित्र दिखती है और ANPR कैमरों के लिए इन्हें स्कैन करना काफी मश्किल हो सकता है.

ट्रकों से टोल टैक्स वसूलना भी है समस्या

एक बड़ी समस्या हाईवे पर चलने वाले ट्रकों के साथ भी है क्योंकि ट्रकों पर नंबर प्लेटें अक्सर छिपी होती है. ये नंबर प्लेटें काफी गंदी भी होती हैं कि उन्हें पढ़ना लोगों के लिए ही मुश्किल होता है जिसके चलते गैजेट्स के लिए टोल कलेक्शन अधिक मुश्किल हो जाएगा. ANPR के तहत बिना टैक्स चुकाए टोल प्लाजा छोड़ने की कोशिश करने वाले वाहन मालिकों को कोई सजा देने का भी नियम नहीं है. 

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ऐसे में केंद्रीय परिवहन मंत्रालय तकनीक से जुड़े इस नए टोल सिस्टम को लागू करने की प्लानिंग तो कर रहा है लेकिन उन्हें इन बेसिक चुनौतियों से निपटना भी होगा. भारत में गाड़ियों की संख्या तो ज्यादा है ही, साथ ही एक समस्या उनके मेंटनेंस की भी है. कई बार तो गाड़ियों की नंबर प्लेट तक नहीं दिखती हैं. इन सबके बावजूद गाड़ियां धड़ल्ले से हाईवे पर फर्राटे भरती नजर आती हैं जो कि एक बड़ी समस्या बन सकता है. 

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