Twitter Data Leak: ट्विटर ने माना कि चोरी हुआ यूजर्स का डाटा, सुरक्षा को लेकर दिया बड़ा बयान

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 06, 2022, 09:18 PM IST

Twitter Data Leak मामले में अब कंपनी ने खुद यह मान लिया है कि उसका डाटा प्लेटफॉर्म में खामी के चलते चोरी हुआ था लेकिन प्रभावित यूजर्स को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं बताया गया है.

डीएनए हिंदी: माइक्रो ब्लॉगिग प्लेटफॉर्म और सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर (Twitter) लंबे वक्त से विवादों में रहा है. एलन मस्क (Elon Musk) के साथ विवादों के बाद डाटा चोरी के चलते भी कंपनी की सुरक्षा पर सवाल उठे थे. वहीं अब Twitter ने भी यह स्वीकार लिया है कि पिछले साल कई यूजर्स के अकाउंट्स की प्राइवेसी उस समय जोखिम में पड़ गई थी जब उसके सॉफ्टवेयर में खामी का फायदा उठाकर हैकर्स ने सेंधमारी की थी. वहीं अब कंपनी ने सुरक्षा को लेकर यूजर्स को आश्वासन दिया है. 

डाटा चोरी की स्वीकारी बात

दरअसल, हाल ही में एक खबर आई थी कि कैसे 54 लाख यूजर्स का डाटा चोरी हुआ है लेकिन ट्विटर ने इस खबर को लेकर पहले भी कोई पुष्टि नहीं की थी और न ही अब इस मामले में कोई ठोस बयान दिया है. कंपनी ने यह स्वीकारा है कि डाटा चोरी हुआ है लेकिन कितना और किसका हुआ है, इस मामले में ट्विटर ने कुछ नहीं बोला है.

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अमेरिकी नेवल एकेडमी के डेटा सुरक्षा विशेषज्ञ जेफ कोसेफ ने बताया है कि छद्म नाम वाले ट्विटर अकाउंट का इस्तेमाल करने वाले कई लोगों के लिए यह स्थिति बहुत बुरी है. ट्विटर ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि उसके सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी से किसी व्यक्ति को लॉग-इन करते समय यह तय करने की मंजूरी मिल गई कि कोई खास फोन नंबर या ई-मेल किस मौजूदा ट्विटर अकाउंट से जुड़ा हुआ है.

दुरुस्त कर ली थी खामी

ट्विटर के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम इसकी पुष्टि कर सकते हैं कि इसका वैश्विक असर पड़ा था लेकिन हम इसमें प्रभावित हुए लोगों की सटीक संख्या या उनके स्थान के बारे में स्पष्ट तौर पर नहीं बता सकते हैं.’’ दिक्कत ठीक करने को लेकर ट्विटर ने कहा, ‘‘हम यह सूचना इसलिए जारी कर रहे हैं क्योंकि हम प्रभावित होने वाले हर खाते की पुष्टि नहीं कर सकते हैं. खासकर छद्म नाम से ट्विटर अकाउंट संचालित करने वाले लोगों का हमें विशेष ध्यान है क्योंकि सरकार एवं अन्य पक्षों के निशाने पर लिए जा सकते हैं.’’

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बेचा जा रहा था डाटा

डिजिटल गोपनीयता की वकालत करने वाले समूह रिस्टोर प्राइवेसी ने पिछले महीने जारी एक रिपोर्ट में कहा था कि इस सॉफ्टवेयर गड़बड़ी से जुटाए गए ब्योरे को एक लोकप्रिय हैकिंग प्लेटफॉर्म पर 30,000 डॉलर में बेचा जा रहा है. इस खुलासे के बाद से ट्विटर की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए थे.

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