बैंक और अन्य लोन देने वाली संस्थाएं आईटीआर रिसिप्ट को सबसे विश्वसनीय आय प्रमाण मानते हैं. ऐसे में यदि आप आईटीआर दाखिल कर रहे हैं और भविष्य में जब आप कार, लोन या होम लोन सहित किसी भी तरह का ऋण लेते हैं तो आपको ITR के कारण बहुत मदद करेगी और और आपको आसानी से ऋण मिलेगा.
2
यदि आपकी आय इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आते और फिर भी आपका टीडीएस कट जाता है तो ऐसे में आपको रिफंड तभी मिलेगा, जब आप आरटीआर दाखिल करेंगे. आईटीआर दाखिल होने के बाद ही आयकर विभाग उसका आकलन करता है कि आप पर कर देयता बनती है या नहीं. अगर आपका रिफंड बन रहा है तो डिपार्टमेंट उसे प्रोसेस करके आपके बैंक अकाउंट में डाल देता है.
3
शेयर या म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों के लिए भी ITR बहुत मददगार है. इनमें घाटा होने की स्थिति में घाटे को अगले साल कैरी फारवर्ड कर इनकम टैक्स रिटर्न भरना जरूरी है. अगले साल कैपिटल गेन होने पर घाटे को फायदे से एडजस्ट कर दिया जाएगा और इससे आपको टैक्स छूट का फायदा मिलेगा.
4
बहुत से देश वीजा देते समय लोगों से उनके आय का प्रमाण मांगते हैं. आईटीआर की रसीदें आपकी आय का पुख्ता प्रमाण होती हैं. इससे उस देश के अधिकारियों को आपकी आय का अंदाजा लगाने में मदद मिलती है और आईटीआर रिसिप्ट यह सुनिश्चित करती हैं कि आप अपनी यात्रा होने वाले खर्च को वहन करने में सक्षम हैं.
5
इनकम और एड्रेस प्रूफ के लिए आईटीआर एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है. सरकारी काम हो या प्राइवेट, इनकम या एड्रेस प्रूफ के लिए आईटीआर की कॉपी दे सकते हैं.इसमें आपकी कमाई और निवास आदि का पूरा विवरण होता है.