शहर के भीतर क्रांति लाने की तैयारी में Meerut Metro की कोच, जानिए namo bhaarat ट्रेन से कितनी होगी अलग

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर को क्रियान्वित करने वाली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने आज अगली पीढ़ी के कोचों का अनावरण किया, जिनका इस्तेमाल मेरठ में रोज़ाना आवागमन के लिए किया जाएगा.

| Updated: Sep 19, 2024, 08:10 AM IST

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NCRTC ने कहा कि मेरठ मेट्रो का डिजाइन आधुनिक सौंदर्य को दर्शाता है, जिसमें यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा और संरक्षा को प्राथमिकता दी गई है. मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट के बाहरी हिस्से में फ्लोरोसेंट ग्रीन, ब्लू और ऑरेंज का आकर्षक और आधुनिक रंग संयोजन है जो तकनीकी उन्नति और 'न्यू इंडिया' के लोगों की आकांक्षाओं को दर्शाता है.

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NCRTC ने वंदे भारत एक्सप्रेस के आंतरिक दरवाजों की तरह ही दरवाजों पर पुश बटन लगाने की सुविधा उपलब्ध कराई है. पुश बटन के माध्यम से चुनिंदा दरवाज़े खोलने से ऊर्जा की खपत कम होती है.

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मेरठ मेट्रो स्टेशन और ट्रेनें दोनों ही सर्वसुलभ हैं, जिनमें आपातकालीन स्थिति में मेडिकल स्ट्रेचर/व्हीलचेयर के लिए समर्पित स्थान है. मेट्रो स्टेशनों में मेडिकल स्ट्रेचर और व्हीलचेयर रखने के लिए विशाल लिफ्ट भी हैं.
 

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इस ट्रेन के कोच एयर कंडीशनिंग हैं, इनमें सामान रखने के लिए रैक, ग्रैब हैंडल, सीसीटीवी कैमरे, यूएसबी मोबाइल चार्जिंग सुविधाएं, गतिशील मार्ग मानचित्र और कई अन्य आधुनिक सुविधाएं हैं.

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मेरठ मेट्रो तीन डिब्बों वाली ट्रेनसेट है, जिसमें आरामदायक कुशन वाली सीटों के साथ 2x2 अनुप्रस्थ और अनुदैर्ध्य बैठने की व्यवस्था है. 173 लोगों की बैठने की क्षमता वाली एक ट्रेन में 700 से अधिक यात्री यात्रा कर सकते हैं.

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यात्री आपातकालीन संचार प्रणाली, अग्निशामक यंत्र, अलार्म और टॉक-बैक सिस्टम जैसे सुरक्षा उपाय एकीकृत किए गए हैं. दिल्ली मेट्रो की तरह ही मेट्रो ट्रेन के प्रत्येक कोच में महिला यात्रियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष आरक्षित बैठने की व्यवस्था होगी.
 

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मेरठ मेट्रो कॉरिडोर 23 किलोमीटर तक फैला है, जिसमें 13 स्टेशन हैं, जिनमें 18 किलोमीटर एलिवेटेड और 5 किलोमीटर अंडरग्राउंड सेक्शन शामिल हैं. नौ स्टेशन एलिवेटेड हैं, तीन अंडरग्राउंड हैं और एक स्टेशन (डिपो स्टेशन) ग्रेड पर होगा. यह 23 किलोमीटर की दूरी इन आधुनिक ट्रेनों द्वारा 30 मिनट में तय की जाएगी.