चीनियों को ही नहीं पंसद चाइनीज स्मार्टफोन्स, Iphone बना नंबर वन ब्रांड

Written By कृष्णा बाजपेई | Updated: Nov 30, 2021, 03:20 PM IST

ओप्पो, वीवो, रियलमी, शाओमी एवं वन प्लस के देश में आईफोन नंबर वन बन गया है. चीनियों को अपने स्वदेशी ब्रांड्स ही पसंद नहीं आ रहे हैं. 

डीएनए हिंदीः भारतीय स्मार्टफोन मार्केट में चाइनीज स्मार्टफोन कंपनियों का दबदबा रहता है. आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत भारत में तकनीक को विकसित करने के प्रयास अवश्य किए जा रहे हैं किन्तु अभी भी देश में दबदबा शाओमी, रियलमी, ओप्पो, वीवो एवं वन प्लस जैसी चाइनीज कंपनियों का ही है.

भारत से इतर इन स्मार्टफोन कंपनियों की स्थिति चीन में बेहद खराब है. चीनी लोगों को चाइनीज कंपनियों के स्मार्टफोन्स तनिक भी रास नहीं आते हैं क्योंकि चीन में एपल ने अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया है.  वहीं ओप्पो एवं हुवावे जैसे प्रीमियम ब्रांड्स भी आईफोन के कारण झटके खा रहे हैं. 

आईफोन बना नंबर वन 

शाओमी और रियलमी स्वयं को भारत का नंबर वन स्मार्टफोन बताते रहते हैं लेकिन चीन में स्थिति बिल्कुल ही उलट दिखती है. एपल ने चीन के गढ़ में अपनी स्थिति वहां के स्वदेशी ब्रांड्स से अधिक मजबूत बना ली है. रिपोर्ट बताती है कि एपल चीन का नंबर वन स्मार्टफोन ब्रांड बन गया है. कंपनी ने चीन के सभी स्वेदेशी ब्रांड्स को भी पीछे छोड़ दिया है.

चीन में अक्टूबर माह में Apple iPhone 13 सीरीज के स्मार्टफोन की बिक्री के मामले में पिछले माह के मुकाबले 46 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. चीन की दिग्गज टेक कंपनियां Huawei, Vivo, Oppo, Apple के मुकाबले कहीं ज्यादा पीछे हो गई हैं. 
 
Oppo को लगा तगड़ा झटका

चीन में स्मार्टफोन मार्केट में मुख्य तौर पर हुवावे एवं ओप्पो के पास नंबर वन का खिताब रहता है. फिलहाल ये खिताब ओप्पो के पास था. ऐसे में अक्टूबर माह की रिपोर्ट में सामने आया है कि ओप्पो को पछाड़ कर आईफोन ने अपनी लोकप्रियता के विस्तार में बड़ी झलांग लगाई है.

खास बात ये है कि एपल के आईफोन की रैंकिंग इससे पहले साल 2015 में सर्वश्रेष्ठ थी. उसके बाद से अपनी रैंकिग के लिए लड़ रही एपल के आईफोन्स ने अब सफलता हासिल की है जिसके लंबे  समय तक जारी रहने के अनुमान भी लगाए जा रहे हैं. 

हुवावे के बुरे दिन 

अमेरिका में आलोचनाओं के चलते चीन की बड़ी स्मार्टफोन कंपनी हुवावे पहले अमेरिका से बाहर हुईं फिर अब चीन के प्रीमियम स्मार्टफोन मार्केट से भी हुवावे का पत्ता साफ हो गया है. वहीं हुवावे के प्रति आई नकारात्मकता से खाली हुई इस जगह को भरने का सीधा लाभ एपल ने अपनी आईफोन 13 सीरीज के जरिए उठाया है.