डीएनए हिंदी: भारत सरकार (Indian Government) द्वारा देश के लिए नई डेटा पॉलिसी (India Data Accessibility and Use Policy) का ड्राफ्ट जरी कर दिया है. इसमें सबसे मुख्य मुद्दा यह है कि नई नीति के अनुसार सरकार अपने मौजूद डाटा का प्रयोग मुद्रीकरण यानी Monetisation के लिहाज से भी कर सकती है. इसके अलावा सरकार सभी विभागों और मंत्रालयों में एकत्रित और सुरक्षित डाटा को रिसर्च समेत अन्य इस्तेमाल के लिए बेच सकेगी.
बनाया जाएगा नया विभाग
केंद्र सरकार ने इस नई डाटा पॉलिसी में एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि इसके लिए MEITY के अंतर्गत "India Data Office" नाम का नया विभाग बनाया जाएगा. जानकारी के मुताबिक नए विभाग के जरिए आसानी से डाटा खरीदा जा सकेगा. इसके तहत अब प्रत्येक मंत्रालय और विभाग अपना Meta Data और डाटा स्टैंडर्ड तैयार करेंगे.
इस ड्राफ्ट के अनुसार नई नीति के तहत सभी केंद्र और राज्य सरकार के निकायों को एक सामान्य "खोज योग्य डाटाबेस" बनाने के लिए अनिवार्य रूप से एक-दूसरे के साथ डाटा साझा करना होगा. आईटी मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी किए गए दस्तावेज़ ने डाटा एक्सेस को सुव्यवस्थित करने समेत सरकार और अन्य हितधारकों के बीच सार्वजनिक डाटा रिपॉजिटरी को साझा करने के विचार के साथ एक भारत डाटा कार्यालय (आईडीओ) का प्रस्ताव दिया है.
सरकारी विभागों के लिए होगा अनिवार्य
इस पॉलिसी को लेकर एक अधिकारी ने बताया है कि अब तक स्टार्टअप और उद्यमी अपने व्यवसायों के लिए डाटा को नहीं साझा करते थे लेकिन नई नीति ने केवल सरकारी निकायों के लिए डेटा साझा करना अनिवार्य बना दिया है और निजी कंपनियां स्वैच्छिक आधार पर पूल में योगदान कर सकेंगे.
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वहीं इस ड्राफ्ट में कहा गया है कि 5 ट्रिलियन डिजिटल डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की भारत की महत्वाकांक्षा डाटा के मूल्य का उपयोग करने की क्षमता पर निर्भर करती है. इसे ध्यान में रखते हुए भारत की डाटा एक्सेसिबिलिटी और उपयोग नीति का उद्देश्य वर्तमान और उभरती हुई तकनीक के अनुरूप डाटा की पहुंच और इसके उपयोग को विस्तार देना है.
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