डेलॉयट की रिपोर्ट, 2035 तक एशियाई GDP पर Metaverse का 1.4 ट्रिलियन डॉलर का पड़ सकता है प्रभाव

Written By नेहा दुबे | Updated: Nov 16, 2022, 03:51 PM IST

Metaverse

डेलॉयट के एनालिसिस से पता चलता है कि संभावित 2035 तक भारत में मेटावर्स का आर्थिक प्रभाव 79-148 बिलियन डॉलर प्रति वर्ष पहुंच सकता है.

डीएनए हिंदी: डेलॉयट (Deloitte) द्वारा किए गए एक हालिया एनालिसिस में अनुमान लगाया गया है कि एशिया में जीडीपी (GDP) पर मेटावर्स (Metaverse) का प्रभाव 2035 तक प्रति वर्ष 0.8-1.4 ट्रिलियन डॉलर के बीच हो सकता है, जो कुल सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 1.3-2.4 प्रतिशत है. यह एनालिसिस, 'द मेटावर्स इन एशिया - स्ट्रैटेजीज़ फ़ॉर एक्सिलरेटिंग इकोनॉमिक इम्पैक्ट' शीर्षक वाली एक रिपोर्ट (Metaverse in Asia) में समेकित किया गया है, जो 12 एशियाई अर्थव्यवस्थाओं - हांगकांग, भारत, इंडोनेशिया, जापान, मेनलैंड चीन, पाकिस्तान, फिलीपींस, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, ताइवान, थाईलैंड और वियतनाम में मेटावर्स के संभावित प्रभाव को दर्शाता है.

रिपोर्ट में उन रणनीतियों के बारे में भी बताया गया है जो ये अर्थव्यवस्थाएं मेटावर्स के रिवॉर्ड को दुबारा प्राप्त करने के लिए अपना रही हैं. इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि प्रत्येक अर्थव्यवस्था तेजी के साथ मेटावर्स की ओर बढ़ रही है जिससे यह क्षेत्र और भी दिलचस्प बन रहा है.

लाखों उपयोगकर्ता

रिपोर्ट से पता चलता है कि एशिया में मेटावर्स के बारे में तेजी के साथ जागरूकता फैल रही है और शुरुआती मेटावर्स प्लेटफॉर्म पहले से ही लाखों की संख्या में यूजर इसका इस्तेमाल करने लगे हैं. इसका खासकर गेमिंग, सामाजिककरण, संगीत कार्यक्रम में भाग लेने और आइटम खरीदने के लिए इस्तेमाल होने लगा है. उदाहरण के लिए, दक्षिण कोरियाई ऐप Zepeto के दुनिया भर में 300 मिलियन से अधिक रजिस्टर्ड यूजर हैं. 

परिवर्तनकारी प्रभाव

शुरुआती अनुमान बताते हैं कि मेटावर्स की संभावित वृद्धि और योगदान विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण हो सकता है, आर्थिक प्रभाव का समय और आकार पूर्वानुमान के लिए चुनौतीपूर्ण है और यह सामाजिक आर्थिक कारकों और समर्थकों के व्यापक सेट पर निर्भर करेगा. फिर भी, मेटावर्स को एक नया बाजार, व्यापार और रोजगार के अवसर बनाने के साथ-साथ हमारे काम करने, उपभोग करने और सहयोग करने के तरीके में सुधार करने की कल्पना की गई है. यदि इन विकासों को पूरी तरह से बढ़ाया जाता है, तो यह चार अरब से अधिक लोगों के लिए परिवर्तनकारी होगा जो इस क्षेत्र में रहते हैं.

दिलचस्प क्षेत्र

मेटावर्स सॉफ्टवेयर से लेकर हार्डवेयर तक, नियामकों से लेकर उद्यमियों तक, सांस्कृतिक से लेकर डिजिटल प्रतिभा तक, एशियाई अर्थव्यवस्थाएं सहित कई दिशाओं से सिख रहा है.

मेटावर्स के कुछ अहम पॉइंट्स:

एशिया कच्चे माल और इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर्स के निर्माण के मामले में हार्डवेयर सप्लाई चेन पर हावी है.

इस क्षेत्र में एक अरब से अधिक मोबाइल गेमर्स हैं, जो दुनिया भर में सबसे बड़ा मोबाइल प्लेयर बेस है.

दक्षिण कोरिया अपने मेटावर्स उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक खाका तैयार करने वाली पहली बड़ी अर्थव्यवस्था थी.

सिंगापुर, हांगकांग, भारत और अन्य सकारात्मक व्यावसायिक वातावरण बना रहे हैं. यह सुनिश्चित करते हुए कि व्यवसाय और उपभोक्ता समान रूप से मेटावर्स के साथ सुरक्षित रूप से जुड़ सकते हैं.

इंडोनेशिया, थाईलैंड और वियतनाम विशेष रूप से छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों के बीच नए व्यापार मॉडल पेश कर रहे हैं और वेब3 और ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकियों के साथ नवाचार कर रहे हैं.

सम्मोहक सामग्री और अनुभव विकसित करने के लिए इस क्षेत्र में समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत हैं. उदाहरण के लिए, जापान नए मेटावर्स उद्योग बनाने के लिए वीडियो गेम उद्योग के अग्रणी के रूप में अपनी विरासत का लाभ उठा रहा है.

भारत, फिलीपींस, वैश्विक तकनीकी प्रतिभा के प्रमुख स्रोत हैं.

भारत पर प्रभाव

डेलोइट के विश्लेषण से पता चलता है कि भारत में मेटावर्स का संभावित 2035 आर्थिक प्रभाव 79-148 बिलियन डॉलर प्रति वर्ष है या कुल सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 1.3-2.4 प्रतिशत है. साल 2030 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है और उस वक्त तक भारत की सबसे बड़ी आबादी युवा होगी जो कि डिजिटल तौर पर पूरी तरह सक्रीय होगी. 

डिजिटल पेमेंट: डिजिटल संपत्ति का व्यापार करने के लिए डिजिटल भुगतान मेटावर्स का एक महत्वपूर्ण घटक होगा. भारत इस विकास में मजबूती से शामिल हो सकता है, क्योंकि इसमें दुनिया में वास्तविक समय के डिजिटल भुगतान की उच्चतम दर है.

गेमिंग और मनोरंजन: ऐप डाउनलोड के मामले में भारत दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल गेमिंग बाजार है.

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