डीएनए हिंदी: भारत समेत अन्य देशों में इलेक्ट्रिक वाहनों की धूम मची हुई है. भारत में भी कई कंपनियां तेजी के साथ अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को ग्राहकों के बीच उतार रही हैं. ग्राहकों के बीच इसका खासा क्रेज देखा जा रहा है. हालांकि अभी हाल ही में ओला ने अपनी इलेक्ट्रिक बाइक्स को बाजार में ग्राहकों के बीच उतारा था जिसका कुछ खास मार्केट में असर देखने को नहीं मिल रहा है. वजह साफ है, अभी हाल ही में पुणे में ओला के इलेक्ट्रिक स्कूटर में धमाका हो गया था. वहीं इस तरह की और भी खबरें देखने को मिलीं जिसके बाद केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय इसे लेकर चिंतित हो गई है.
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने जताई चिंता
हाल ही में इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने निर्माताओं से कहा है कि वे नए दोपहिया वाहनों को लॉन्च करने की योजना को टाल दें.
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि सोमवार को इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं की बैठक में मंत्रालय के अधिकारियों ने मौखिक रूप से उनसे आग की जांच रिपोर्ट पेश होने तक लॉन्च टालने का अनुरोध किया है.
इस दौरान अधिकारियों ने वाहन निर्माताओं से इलेक्ट्रिक वाहनों के पूरे बैच को वापस लेने के लिए भी कहा है.
मंत्रालय के एक अधिकारी ने इस बारे में बताया कि "चूंकि सरकार जांच रिपोर्ट के आधार पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नए नियम जारी करने की योजना बना रही है, इसलिए हमने कंपनियों से नए लॉन्च टालने के लिए कहा है."
सरकार स्पष्टीकरण चाहती है
इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की बात पर अधिकारी ने बताया कि दरअसल सरकार इस बारे में स्पष्टता चाहती है कि आखिर वाहनों में आग कैसे लगी और इसमें किसकी गलती है- वाहन निर्माता या उपभोक्ता.
हालांकि कंपनियों ने सरकार के इस प्रश्न पर पॉजिटिव प्रतिक्रिया दी है और पूरी तरह सहयोग देने का आश्वासन दिया है.
चार्जिंग सेफ्टी के बारे में करें शिक्षित
सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं से कहा है कि उपभोक्ताओं को चार्जिंग सेफ्टी के बारे में शिक्षित किया जाए और आग को कैसे रोका जाए यह तकनीक भी सिखाई जाए. इस दौरान केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त एक्सपर्ट टीम ने इनमें से कुछ इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicle) कंपनियों की मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटीज का भी दौरा किया है.
उधर पिछले कुछ दिनों से शीर्ष इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं ने अपने टेक्नोलॉजी ऑफिसर्स सहित परिवहन विभाग (Transport Department) के अधिकारियों से मुलाकात कर घटनाओं के बारे में अपना पक्ष रखा.
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