डीएनए हिंदी: दुनिया से अमीर इंसान एलन मस्क का दिमागी चिप बनाने वाला स्टार्टअप जल्द इंसानी दिमाग में चिप लगाना शुरू कर सकता है. न्यूरालिंक इसके इंसानी परीक्षण शुरू करने की तैयारी कर रहा है. मस्क का दावा है कि इस चिप की मदद से पैरालिसिस की बीमारी से जूझ रहे लोगों को मदद मिलेगी. ऐसे लोग अपने दिमाग से उंगलियों से ज्यादा तेज गति से स्मार्टफोन चला पाएंगे. इस चिप का परीक्षण बंदर और सुअर पर हो चुका है.
इंसानों के ऊपर ट्रायल की तैयारी
यह स्टार्टअप अब क्लिनिकल ट्रायल डायरेक्ट की भर्ती कर रहा है. इसके लिए विज्ञापन भी दिया गया है जिसमें कहा गया है कि क्लिनिकल ट्रायल का डायरेक्टर होने के नाते आपको सबसे प्रतिभावान डॉक्टरों, शीर्ष इंजीनियरों और न्यूरालिंक के पहले क्लिनिकल ट्रायल में शामिल इंसानों के साथ आपके लिए काम करने का मौका होगा. डायरेक्टर को कैलिफोर्निया के फ्रेमोंट में काम करना होगा.
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न्यूरो की समस्याओं से छुटकारा मिलने का दावा
पिछले महीने एलन मस्क ने उम्मीद जताई थी कि इस तकनीक की मदद से वे लोग फिर से चल सकेंगे जो बीमारी की वजह से चल नहीं पाते हैं. मस्क ने यह भी ऐलान किया है कि इस साल के अंत तक इंसानी दिमाग में कंप्यूटर चिप लगाने की योजना को शुरू कर दिया जाएगा. मस्क ने कहा कि अगर सब कुछ सही रहता है तो न्यूरालिंक के नाम से शुरू किए गए स्टार्टअप का इंसानी टेस्ट यानी ह्यूमन ट्रायल इस साल के अंत तक शुरू होगा.
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साल के अंत तक ह्यूमन ट्रायल शुरू करने की तैयारी
मस्क ने लिखा कि न्यूरालिंक प्रत्यारोपण सुरक्षा पक्का करने के लिए बहुत तेजी से इस मुश्लिक काम को करने में जुटा है. कंपनी की ओर से दी गई सूचना में कहा गया है कि अगर चीजें ठीक रहती हैं तो हम इस साल के शुरू में ह्यूमन ट्रायल करने में सक्षम हो सकते हैं. मस्क ने निजी सोशल एप्लिकेशन क्लबहाउस पर एक इंटरव्यू के दौरान खुलासा किया था कि न्यूरालिंक ने एक बंदर के मस्तिष्क में एक वायरलेस इम्प्लांट किया था. इसके बाद उसने केवल अपने दिमाग की मदद से वीडियोगेम को खेला. इससे पहले न्यूरालिंक सूअर के दिमाग में भी इन चिप्स को लगाकर ट्रायल कर रहा है.