कौन थीं जरीना हाशमी जिनके बर्थडे पर गूगल ने बनाया डूडल

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 16, 2023, 10:37 AM IST

Google Doodle Zarina Hashmi 

Google Doodle Zarina Hashmi: गूगल आज मशहूर भारतीय अमेरिकी आर्टिस्ट रहीं जरीना हाशमी का बर्थडे सेलिब्रेट कर रहा है जो कि अपनी सफलताओं के लिए लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं.

डीएनए हिंदी: आज गूगल ओपन करने पर हमे एक शानदार डूडल देखने को मिल रहा है जो कि जरीना हाशमी का है. आज गूगल अपने डूडल के जरिए जरीना हाशमी के जन्मदिन पर उन्हें याद कर रहा है. ज़रीना हाशमी का जन्म आज ही के दिन 1937 में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था. वह और उनके चार भाई-बहन 1947 में भारत विभाजन के बाद दुखद तरीके से पाकिस्तान के कराची जाने पर मजबूर हो गए थे.

जरीना हाशमी ने 21 साल की उम्र में एक युवा विदेश सेवा से जुड़े राजनयिक से शादी की थी और दुनिया की यात्रा शुरू की. उन्होंने बैंकॉक, पेरिस और जापान में समय बिताया, जहां वह प्रिंटमेकिंग और आधुनिकतावाद और अमूर्तता जैसे कला आंदोलनों में शामिल हुई थीं.

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नारीवादी आंदोलनों में हुई शामिल

बता दें कि ज़रीना हाशमी 1977 में न्यूयॉर्क शहर चली गईं थी और महिलाओं समेत कलाकारों की वकील बन गई. वह जल्द ही हेरेसीज़ कलेक्टिव में शामिल हो गईं, जो एक नारीवादी प्रकाशन था जिसने कला, राजनीति और सामाजिक न्याय के अंतर्संबंध का पता लगाया था. वह न्यूयॉर्क फेमिनिस्ट आर्ट इंस्टीट्यूट में पढ़ाने भी गईं, जिसने महिला कलाकारों को समान शिक्षा के अवसर प्रदान किए थे, जिससे उनकी प्रतिभा को निखारा जा सके.

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AIR में किया था कार्यक्रम

साल 1980 में जरीना ने AIR में एक प्रदर्शनी का सह-संचालन किया. इस गैलरी का नाम “अलगाव की द्वंद्वात्मकता: संयुक्त राज्य अमेरिका की तीसरी दुनिया की महिला कलाकारों की एक प्रदर्शनी” था. इस अभूतपूर्व प्रदर्शनी में अलग-अलग तरह के कलाकारों के काम को प्रदर्शित किया गया और महिला कलाकारों को भी जगह दी गई थी. 

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लंबी है सफलाताओं की लिस्ट

साल 1980 में जरीना को न्यूयॉर्क फेमिनिस्ट आर्ट इंस्टिट्यूट के एक बोर्ड मेंबर बनाया गया था और उसके बाद उनका जीवन एक फेमिनिस्ट कलाकार जर्नलिस्ट के तौर पर शुरू हुआ था.हालांकि वह इस विभाग पर बहुत दिन काम कर रहे थे. संघर्षों के बीच महिलाओं के लिए आवाज उठाने वाली जरीना हाशमी का निधन अल्जाइमर के चलते 25 जुलाई साल 2020 को हुआ था.

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