डीएनए हिंदी: इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के प्रति लोगों का रुझान बढ़ रहा है. यही वजह है कि भारतीय कंपनियां इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर फोकस कर रही हैं. हालांकि टाटा और महिंद्रा के अलावा फिलहाल मार्केट में 15 लाख से कम कीमत के विकल्प नहीं हैं. मार्केट में बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए देश की नंबर 2 कार कंपनी हुंडई ने तैयारी कर ली है.
हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड 2028 तक भारत में 6 नए इलेक्ट्रिक वाहन लॉन्च करने की तैयारी कर रही है. कंपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए 4,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है.
कहा जा रहा है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल अगले साल बाजार में आने वाले पहले मॉडल के साथ बड़े पैमाने पर प्रीमियम, हैचबैक और एसयूवी सेगमेंट के क्रॉस सेक्शन को कवर करेंगे. हुंडई ने कहा कि उसे उम्मीद है वह ईवी में अधिक बाजार हिस्सेदारी हासिल करेगी.
हालांकि हुंडई 2019 में भारत में ईवी लॉन्च करने वाली विदेशी कार निर्माताओं में से एक थी. कंपनी ने कोना एसयूवी लॉन्च कर ऑटो मार्केट में पकड़ बनाने की कोशिश की थी. तब से कंपनी ने स्मॉल या मिड कार सेग्मेंट में कोई ईवी लॉन्च नहीं की है.
इस बीच घरेलू ऑटो प्रमुख टाटा मोटर्स ने बाजार में पकड़ बना ली. कंपनी की नेक्सॉन और टिगोर ईवी लॉन्च हो चुकी हैं. जिन्हें कमोबेश अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है.
कंपनी का कहना है कि हम वॉल्यूम पर नहीं बल्कि क्वालिटी पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. मार्केटलीडर मारुति इलेक्ट्रिक वाहन लाने में देरी कर रही है. हालांकि कंपनी पर्दे के पीछे से ईवी मार्केट में आने की तैयारी कर चुकी है.
इस तरह के हो सकते हैं वाहन
हुंडई ने संकेत दिया कि मौजूदा वाहनों के इलेक्ट्रिक संस्करण पेश किए जा सकते हैं. भारतीय बाजार की पहुंच में इलेक्ट्रिक कार 10 लाख रुपए से कम होनी चाहिए. हुंडई ने संकेत दिया कि वह ऐसा करने पर विचार नहीं कर रही है. कंपनी का कहना है कि सरकार को इलेक्ट्रिक कारों के लिए प्रोत्साहन की पेशकश करनी चाहिए ताकि उन्हें और अधिक किफायती बनाया जा सके.