डीएनए हिंदी: आम जीवन में तो कई सारे मिथ पहले से ही हैं. अब टेक्नोलॉजी की दुनिया में भी कई भ्रामक बाते सामने आने लगी हैं जिन्हें साइंस की दुनिया सिरे से नकारती है. बावजूद इसके लोग अभी भी कई मिथ को सच मान बैठे हैं. इन्हीं में से कुछ मिथ फोन से जुड़े हुए हैं. आज हम आपको फोन से जुड़े कुछ ऐसे ही झूठ के बारे में बताएंगे जिसे आप नहीं जानते होंगे.
देर तक बैटरी चार्ज ना करना
कई लोग मानते हैं कि अगर रातभर फोन को चार्जिंग पर लगा दिया जाए तो फोन की बैटरी जल्दी ख़राब हो जाती है. हालांकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है अगर फोन की बैटरी फुल चार्ज हो जाती है तो चार्जर अपने आप चार्जिंग ऑफ कर देता है. ऐसे में बैटरी ख़राब होने की खबर पूरी तरह गलत है.
ऑटोमेटिक ब्राइटनेस ऑन होने से बैटरी खपत में कमी
फोन में ऑटोमेटिक ब्राइटनेस फीचर के ऑन करने से बैटरी की खपत कम नहीं बल्कि बढ़ जाती है. दरअसल तेज धूप और अंधेरे में ज्यादा ब्राइटनेस की जरुरत पड़ती है जिससे बैटरी ज्यादा खर्च होती है.
बैकग्राउंड ऐप बंद होने से बैटरी कम खर्च होती है
माना जाता है कि बैकग्राउंड ऐप चालू रहने की वजह से बैटरी तेजी के साथ खर्च होती है. जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है. ऐप एप्पल और गूगल एल्गोरिदम पर काम करते हैं जिसमें ऐप रिफ्रेश नहीं होने पर ऑटोमेटिक बंद हो जाते हैं इससे बैटरी की कहीं भी बिना मतलब की खपत नहीं होती है.
ज्यादा मेगापिक्सल से आती है अच्छी फोटो
कहते हैं कि जिस फोन में ज्यादा मेगापिक्सल होता है वह फोटो के लिए सबसे अच्छा फोन होता है. हालांकि यह सिर्फ अपवाद है. अगर यह सच होता तो DSLR से ली गई फोटो कभी भी फोन के कैमरे से बेहतर नहीं आती. मेगापिक्सल के अलावा अच्छे फोटोज के लिए और भी चीजें जरूरी होती हैं.
फ्री वाई-फाई को मानते हैं सुरक्षित
ज्यादातर लोगों का कहना है कि फ्री वाई-फाई सुरक्षित होता है. खासतौर पर जब आप कहीं ट्रैवेल कर रहे होते हैं टैब इस सुविधा का लाभ उठाना उचित समझते हैं जबकि ऐसी सुविधाएं कई बार आपके फोन सिक्योरिटी को खतरे में डाल देती हैं.
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