Fluxjet: हवाई जहाज से भी तेज दौड़ेगी ये ट्रेन, जानिए क्या होगी इसकी खासियत

कुलदीप पंवार | Updated:Oct 08, 2022, 07:31 AM IST

कनाडा के एक स्टार्टअप ने इस ट्रेन को विकसित किया है, जिसकी गति 1,000 किमी प्रति घंटा तक होने का दावा किया जा रहा है.

डीएनए हिंदी: सोचिए यदि आपको ट्रेन या हवाई जहाज की यात्रा के बीच चुनाव करना पड़े तो आप किसमें सफर करना पसंद करेंगे? निश्चित तौर पर आपका जवाब हवाई जहाज ही होगा. लेकिन यदि वह ट्रेन हवाई जहाज से भी तेज चलती हो तो आप क्या कहेंगे? कनाडा के एक स्टार्टअप Transpod ने ऐसी ही हाइब्रिड ट्रेन Fluxjet पेश की है, जिसे कंपनी ट्रेन के बजाय 'एयरक्राफ्ट ट्रेन' कहकर पेश कर रही है. उनका दावा है कि यह ट्रेन 1,000 किलोमीटर प्रति घंटा (620 mph) की गति से दौड़ेगी यानी इसकी गति आम हवाई जहाज से ज्यादा और दुनिया की सबसे तेज बुलेट ट्रेन Shanghai Maglev से भी 2 गुना तेज होगी. 

1 घंटे में पहुंचा देगी दिल्ली से मुंबई

Fluxjet ट्रेन की गति कितनी होगी, इसका अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है. यदि यह ट्रेन भारत में चलाई जाए तो दिल्ली से मुंबई तक 1,366 किलोमीटर का सफर महज 1 घंटे से कुछ ही ज्यादा वक्त में पूरा हो जाएगा. यह सफर पूरा करने में फिलहाल इस रूट की सबसे तेज ट्रेन राजधानी एक्सप्रेस को भी 17 से 18 घंटे लगते हैं.

Fluxjet कैसे दौड़ेगी इतनी तेज

आपके दिमाग में सवाल उठ रहा होगा कि आखिरकार Fluxjet इतनी तेज गति से कैसे दौड़ेगी? इस सवाल का जवाब दरअसल Physics में छिपा हुआ है. इस ट्रेन का संचालन फिजिक्स के एक एरिया 'veillance flux' पर आधारित है और यह एक इनोवेटिव 'कॉन्टेक्टलैस पॉवर ट्रांसमिशन' पर काम करेगी. साथ ही इसका एक प्रोपल्शन व एयरोडायनामिक सिस्टम होगा, जो बेहद कम घर्षण वाला वातावरण बनाएगा और ट्रेन की गति बढ़ती जाएगी. 

इसके लिए आम ट्रेन ट्रैक नहीं बनाए जाएंगे बल्कि एक खास तरह का लो-प्रेशर वैक्यूम ट्यूब ट्रैक बनाया जाएगा, जो मैग्नेटिक फील्ड पर काम करने वाले ट्रेन पॉड्स को बुलेट ट्रेन, कार और हवाई जहाज से भी ज्यादा तेज गति से दौड़ने में मदद करेगा. इसे मैग्नेटिक फ्लोटेशन सिस्टम (magnetic flotation system) कहेंगे. शहरी एरिया से बाहर निकलते ही यह ट्रेन magnetic levitation technology का उपयोग करेगी, जो इसकी गति को अचानक कई गुना बढ़ा देगी. खासबात यह होगी कि यह ट्रेन रिन्यूएबल एनर्जी से संचालित की जाएगी और हाइब्रिड मोड में भी अपने लिए ऊर्जा तैयार करेगी.

ट्रेन में होगा एक ही डिब्बा, बैठेंगे 54 पैसेंजर

इस ट्रेन में महज एक ही डिब्बा होगा, जिसमें एक बार में 54 पैसेंजर बैठ पाएंगे और 2 व्हील चेयर खड़ी करने के लिए जगह होगी, जबकि इसमें सामान रखने के लिए चार लगेज रैक भी बने होंगे. हालांकि Transpod की योजना हर 80 सेकेंड में एक Fluxjet ट्रेन चलाने की है, जिससे यह नेटवर्क भी सामान्य ट्रेन के बराबर ही पैसेंजर ढोने में सक्षम हो पाएगा.

18 अरब डॉलर लागत, 1.40 लाख नए रोजगार

Transpod का कहना है कि उनका प्रोजेक्ट कैलगरी से एडमंटन शहरों के बीच में ही करीब 18 अरब डॉलर की लागत से तैयार होगा, लेकिन इसके निर्माण से 1.40 लाख नए रोजगार पैदा होंगे और यह कनाडा की GDP में 19.2 अरब डॉलर का योगदान देगा.

हवाई जहाज से आधी होगी टिकट की कीमत

कंपनी ने दावा किया है कि इस अल्ट्रा-फास्ट ट्रेन में सफर करने का मजा भले ही हवाई जहाज से भी ज्यादा बढ़िया होगा, लेकिन इसकी टिकट हवाई यात्रा से आधे खर्च में उपलब्ध होगी. इससे कम खर्च में प्रीमियम ट्रैवल का मजा यात्रियों को मिल पाएगा.

6.36 लाख टन CO2 घटाएगा प्रोजेक्ट

कंपनी का दावा है कि यह प्रोजेक्ट न केवल प्रीमियम ट्रैवल का लुत्फ देगा बल्कि दुनिया में 6.36 लाख टन CO2 (कार्बन डाइ ऑक्साइड) घटाने में भी मदद करेगी. इससे न केवल पैसेंजर ढोए जा सकेंगे बल्कि 10 टन वजन तक हर तरह के सामान की ढुलाई भी बिना कोई कार्बन फुटप्रिंट छोड़े की जा सकेगी.

क्या यह हाइपरलूप प्रोजेक्ट है?

Fluxjet ट्रेन भी वैक्यूम ट्यूब्स में चलने वाली है. ऐसे में सवाल खड़ा हो सकता है कि यह दुनिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन एलन मस्क (Elon Musk) के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट Hyperloop से किस तरह अलग है? दरअसल ये दोनों प्रोजेक्ट पूरी तरह अलग हैं. दोनों की तकनीक भी अलग है बल्कि Transpod का दावा है कि उनकी ट्रेन के सामने हाइपरलूप बेहद कमजोर प्रोजेक्ट साबित होगा. 

2030 में दिखाई देगी हकीकत में

Transpod ने अपनी इस अल्ट्रा-फास्ट ट्रेन को साल 2030 तक हकीकत के धरातल पर उतारने का दावा किया है. इसके लिए कंपनी को 550 मिलियन डॉलर का निवेश भी मिल चुका है, जिससे काम शुरू किया जा चुका है. सबसे पहले कनाडा के अल्बर्टा स्टेट में कैलगरी से एडमंटन के बीच पहला Fluxjet ट्रैक बनाने की तैयारी चल रही है. 

ये हैं अभी दुनिया की टॉप-5 फास्टेस्ट ट्रेन

  1. शंघाई मैग्लेव (Shanghai Maglev )- चीन की यह ट्रेन भी मैग्नेटिक लेविटेशन टेक्नोलॉजी पर ही चलती है और इसकी रफ्तार 460 किलोमीटर प्रति घंटा है.
  2. सीआर400 'फ्यूक्सिंग' (CR400 'Fuxing')- यह भी चीन की ही ट्रेन है, जो 350 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम गति से चलती है.
  3. इंटरसिटी एक्सप्रेस-3 (ICE3)- यह जर्मनी की ट्रेन है, जो कोलोन से फ्रैंकफर्ट के बीच चलती है. इस ट्रेन की गति 330 किलोमीटर प्रति घंटा है.
  4. टीजीवी (TGV)- फ्रांस की इस ट्रेन के नाम पर पारंपरिक ट्रेनों में सबसे तेज गति से चलने का रिकॉर्ड दर्ज है. इसकी गति 320 किलोमीटर प्रति घंटा है. हालांकि इसे 3 अप्रैल, 2007 को 574.8 किलोमीटर प्रति घंटा तक की गति से दौड़ाया गया था.
  5. जेआर ईस्ट ई5 (JR East E5)- इस जापानी हाई स्पीड ट्रेन की गति 320 किलोमीटर प्रति घंटा है. यह टोक्यो से शिन-आमोरी के बीच चलती है.

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