Netflix का पासवर्ड शेयर करने वालों पर गिरी गाज, अब 'भलाई' करने से पहले दो बार सोचेंगे लोग

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 24, 2023, 04:24 PM IST

Netflix

Netflix Password Sharing Policy: अभी तक यूजर्स एक डिवाइस के लिए भुगतान करके अलग-अलग कई डिवाइस पर उसी लॉगिन को चला रहे थे, लेकिन अब यह नहीं चलेगा.

डीएनए हिंदी: Netflix New Rules- यदि आप एक स्क्रीन वाला प्लान लेकर ओटीटी प्लेटफार्म Netflix को कई डिवाइस में उसी लॉगिन से चलाते हैं, तो ये दिन अब खत्म होने जा रहे हैं. नेटफ्लिक्स ने अपनी नई पासवर्ड शेयरिंग पॉलिसी जारी कर दी है, जिसमें अपना लॉगिन पासवर्ड किसी दूसरे के साथ शेयर करने पर आपको एक्स्ट्रा अमाउंट का पेमेंट करना पड़ सकता है. नेटफ्लिक्स ने इसके लिए यूजर्स को ईमेल के जरिये अलर्ट भी करना शुरू कर दिया है.

103 देशों के यूजर्स को भेजी गई है ईमेल

नेटफ्लिक्स ने अपनी नई पासवर्ड शेयरिंग पॉलिसी की जानकारी अपने यूजर्स को देनी शुरू कर दी है. इसके लिए 103 देशों के यूजर्स को ईमेल के जरिये अलर्ट भेजा गया है. इस ईमेल में साफतौर पर कहा गया है कि एक सिंगल स्क्रीन नेटफ्लिक्स अकाउंट का इस्तेमाल एक ही यूजर द्वारा किया जा सकता है. यदि आप उस अकाउंट को ज्यादा डिवाइस पर यूज करना चाहते हैं तो अतिरिक्त भुगतान देकर अन्य मेंबर्स को जोड़ सकते हैं. भारत में यह भुगतान कितना होगा? यह बात अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन अमेरिका में यह भुगतान 7.99 डॉलर यानी करीब 660 रुपये प्रतिमाह रखा गया है.

भारतीय कस्टमर मना सकते हैं खुशी

नेटफ्लिक्स के भारतीय कस्टमर फिलहाल खुशी मना सकते हैं. कंपनी ने नई पासवर्ड शेयरिंग पॉलिसी के दायरे में आए 103 देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर जैसे देश हैं, लेकिन भारत को अभी इसके दायरे से बाहर रखा गया है. माना जा रहा है कि भारत में जिस तेजी से स्मार्टफोन यूजर्स बढ़ रहे हैं और इंटरनेट डाटा खपत बढ़ी है, उससे नेटफ्लिक्स यहां अपने लिए अपार संभावनाएं देख रही हैं. ऐसे में यहां के लिए कुछ अलग तरह के नियम भी अपनाए जा सकते हैं. हालांकि यह तय है कि पासवर्ड शेयरिंग को लेकर यहां भी कंपनी जल्द ही सख्ती करने वाली है.

क्यों उठा रही है नेटफ्लिक्स ऐसा कदम

दरअसल ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की बढ़ती संख्या के चलते आपस में कॉम्पिटीशन बढ़ा है. नेटफ्लिक्स के प्लान सभी ओटीटी प्लेटफॉर्म्स में सबसे महंगे हैं. साथ ही अब प्रोग्राम्स के लिए भी पहले से ज्यादा भुगतान करना पड़ रहा है. इसके चलते कंपनियों को रेवेन्यू बढ़ाने के नए तरीके खोजने पड़ रहे हैं. इसी में पासवर्ड शेयर करने पर रोक और एड सपोर्ट वाला ऑप्शन पेश करना भी शामिल है. 

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