1 April से महंगा होगा कार खरीदना, कंपनियों ने बनाया कीमतें बढ़ाने का प्लान

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 30, 2022, 11:21 PM IST

हर साल की तरह संभावनाएं हैं कि इस वर्ष की शुरुआत में भी एक बार फिर ऑटोमोबाइल कंपनी अपने वाहनों के दाम बढ़ा सकती हैं.

डीएनए हिंदी: वित्त वर्ष 2022-23 में यदि आप नई गाड़ी खरीदने की सोच रहे हैं तो यह खबर आपको एक बड़ा झटका देने वाली है क्योंकि जानकारियां यह बताती हैं कि 1 अप्रैल से देश की लगभग सभी वाहन कंपनियां अपनी कारों और बाइकों के दामों में बढ़ोतरी करने वाली है. पिछले कुछ वर्षों से वाहन निर्माता कंपनियों ने नए साल की शुरुआत में गाड़ियों की कीमतों को बढ़ाने का चलन शुरू हो गया है. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि मर्सिडीज-बेंज और ऑडी के बाद अब बाकी वाहन निर्माता भी जल्द ही कीमतें बढ़ाने की घोषणा करने वाली हैं. 

सभी कंपनियां बढ़ा सकती हैं दाम

दरअसल, ऑटो सेक्टर की ये सभी कंपनियां लगातार कच्चे माल और कमोडिटी की दरें बढ़ने का हवाला देकर अब तक अपने वाहनों के दाम में इजाफा करती आई हैं और इस बार भी इसी को मुख्य वजह ठहराया जा सकता है. ऑटो सेक्टर की कई बड़ी कंपनिया अपने वाहनों को महंगा करने जा रही हैं. टाटा मोटर्स ने कहा कि वो अपने वाणिज्यिक व्हीकल्स की कीमतें 2 से 2.5% बढ़ा रहे हैं. वहीं मर्सिडीज बेंस इंडिया ने कहा कि वो वाहनों की कीमतों में 3% इजाफा करेंगे. इसके अलावा टोयाटा 4% तक दामों को बढ़ाएगा और BMW 3.5% तक अपने वाहनों के दामों में बढ़ोतरी करेगा. 

इसके अलावा मारुति सुजुकी से लेकर टाटा मोटर्स और महिंद्रा से लेकर ह्यून्दे इंडिया भी जल्द ही अपनी कारों के दाम बढ़ाने की घोषणा कर सकती हैं. आपको बता दें कि कोविड-19 महामारी के दौर में जहां वाहन निर्माताओं को पिछले दो साल में भारी नुकसान उठाना पड़ा है तो वहीं सेमीकंडक्टर चिप की तंगी भी प्रोडक्शन पर बहुत बुरा असर डाल रही है. ऐसे में गाड़ियों की मांग होने के बावजूद वाहन निर्माता पूरी रफ्तार में प्रोडक्शन हीं कर पा रही हैं और लंबी वेटिंग लिस्ट भी ग्राहकों को दी जा रही है. स्टील, रबर और बाकी कच्चे माल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, ऐसे में वाहनों की कीमतें बढ़ना लगभग तय है.

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सेकेंड हेंड मार्केट में आई तेजी

भारत में मौजूद लगभग सभी वाहन निर्माताओं ने जनवरी 2022 में ही अपने वाहनों की कीमतों में इजाफा किया है. अब कैलेंडर ईयर की दूसरी और नए वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भी दाम बढ़ाए जाने का अनुमान है. नई कारों की कीमतें बढ़ने की वजह से सेकेंड हैंड कार बाजार में डिमांड बढ़ी है और ये मार्केट अब ग्राहकों को बहुत किफायती लगने लगा है.  इसके अलावा अब इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के मार्केट में भी पेट्रोल-डीजल के दाम  बढ़ने के बाद लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है. 

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ऑटो सेक्टर मारुति सुजुकी मर्सिडीज