RC 15 साल तक मान्य फिर भी 10 साल ही चल पाएगी डीजल गाड़ी!

| Updated: Apr 11, 2022, 08:34 AM IST

दिल्ली में भले ही किसी के पास 15 साल तक की वैध आरसी हो लेकिन राज्य सरकार के नए नियमों के तहत गाड़ी केवल दस साल तक ही चलाई जा सकेगी.

डीएनए हिंदी: दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए राज्य परिवहन विभाग ने पिछले साल ही एक आदेश में स्पष्ट कर दिया था कि 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहन और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल संस्करण दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) की सड़कों पर नहीं चल सकते हैं, भले ही वाहनों के पंजीकरण प्रमाण पत्र (आरसी) 15 साल के लिए वैध हों. यह अपने आप में एक विरोधाभासी स्थिति हैं. 

दिल्ली सरकार का यह नोटिस तब आया  था जब विभाग को आरसी की वैधता और दिल्ली में पंजीकृत वाहनों के जीवन में संघर्ष की ओर इशारा करते हुए जनता द्वारा आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. इसमें विशेष रूप से डीजल वेरिएंट के रूप में कई लोगों ने प्रस्तावित राष्ट्रीय स्क्रैपेज नीति के खिलाफ बताया था. इस नोटिस के मुताबिक आम जनता को सूचित किया गया कि आरसी में सभी श्रेणी के वाहनों की वैधता 15 वर्ष के रूप में दिखाई जाती है लेकिन कोर्ट के आदेश के मुताबिक दिल्ली में एक डीजल वाहन 10 साल से ज्यादा नहीं चल सकता.

हालांकि, डीजल वाहनों के लिए एनओसी 10 साल से अधिक लेकिन राज्यों के लिए 15 साल से कम लिए की जा सकती है, जिन्होंने ऐसे डीजल वाहनों के पंजीकरण के लिए अपनी सहमति व्यक्त की थी. सरकार के आदेश के मुताबिक आम लोग डीजल वाहन 10 साल और पेट्रोल वाहन 15 साल के बाद दिल्ली की सड़कों पर वाहन नहीं चला पाएंगे. उन्हें स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत वाहन को नष्ट करना होगा. वाहनों की आरसी भी रिन्यू नहीं की जाएगी.

गौरतलब है कि दिल्ली में पिछले साल 1 लाख से ज्यादा वाहनों के रजिस्ट्रेशन रद्द किए पाएंगे. हालांकि अधिकारियों ने कहा था कि यह संख्या 38 लाख वाहनों को देखते हुए काफी कम है. एक अनुमान के मुताबिक राज्य में 35 लाख पेट्रोल और 3,00,000 डीजल वाहन हैं जो अनुमति वाली आयु सीमा से अधिक पुराने हैं.

अधिकारियों ने कहा कि केंद्र की मसौदा वाहन स्क्रैपिंग नीति का दिल्ली में पंजीकृत वाहनों के मालिकों पर बहुत कम प्रभाव पड़ेगा, जब तक कि एनजीटी या सुप्रीम कोर्ट से नए निर्देश नहीं मिल जाते. भले ही केंद्र द्वारा वाहनों की रजिस्ट्रेशन की समय सीमा 15 साल तक रखी गई है लेकिन दिल्ली में यह दस साल हैं. ऐसे में भले ही आरसी 15 साल तक वैध हो लेकिन दिल्ली में दस साल से ज्यादा पुराने वाहन चलना नामुमकिन है.

आपको बता दें कि पिछले साल मार्च में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने राष्ट्रीय स्वैच्छिक वाहन परिमार्जन योजना का पहला मसौदा जारी किया, जिसके तहत 20 वर्ष से अधिक पुराने निजी वाहन को अनिवार्य रूप से फिटनेस और उत्सर्जन परीक्षण से गुजरना होगा, जिसमें विफल रहने पर एंड-ऑफ-लाइफ व्हीकल (ईओएलवी) के रूप में माना जाता है और इसे खत्म कर दिया जाता है. इसके अलावा वाणिज्यिक वाहनों के लिए आयु सीमा 15 वर्ष है, जिसके बाद ऐसे वाहनों को फिटनेस प्रमाण पत्र के लिए अधिक भुगतान करना होगा और एक "ग्रीन टैक्स" भी देना होगा जो प्रदूषण के स्तर के आधार पर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होगा.

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वहीं केंद्र की इस नीति के विपरीत दिल्ली के एक परिवहन अधिकारी ने बताया कि दिल्ली के मोटर लाइसेंसिंग अधिकारी उन वाहनों के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करते हैं जो या तो 15 वर्ष से अधिक पुराने हैं. वहीं यदि यह डीजल संस्करण है तो 10 वर्ष से अधिक है. दिल्ली में इन वाहनों का उपयोग नहीं किया जा सकता है लेकिन इन एनओसी का उपयोग चुनिंदा राज्यों में वाहन को फिर से पंजीकृत कराने के लिए किया जा सकता है. 

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