What Is E-Detection System: यदि आपके पास 10 साल से ज्यादा पुरानी डीजल या 15 साल से ज्यादा पुरानी पेट्रोल कार है तो यह खबर आपके लिए है. आपकी कार दिल्ली में एंट्री करते ही जब्त हो सकती है. इसके लिए केंद्र सरकार दिवाली (Diwali) तक राष्ट्रीय राजधानी में एक ऑनलाइन सिस्टम लागू करने की तैयारी में है, जो बिना वैध दस्तावेजों वाले और उम्र पूरी कर चुके वाहनों को पकड़ने का काम करेगा. इस ई-डिटेक्शन सिस्टम (E-Detection System) के लिए दिल्ली में 52 एंट्री पॉइंट्स पर खास कैमरे लगाने की तैयारी है, जो सीधे सेंट्रल रजिस्ट्रेशन सिस्टम से जुड़े होंगे. ये कैमरे ऐसा वाहन देखते ही उसका ई-चालान कर देंगे, जो तय उम्र से ज्यादा के हो चुके होंगे या फिर उनका फिटनेस या पॉल्यूशन सर्टिफिकेट खत्म हो चुका होगा. खास बात ये है कि दिल्ली में यह कवायद सफल रही तो इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा.
कैसे काम करेगा यह ई-डिटेक्शन सिस्टम
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, ई-डिटेक्शन सिस्टम सेंट्रल सर्वर से जुड़े स्टेट ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट्स के डाटा की मदद से काम करेगा. इसके लिए दिल्ली में एंट्री करने वाले रास्तों के टोल प्लाजा पर कैमरे लगाए जाएंगे. ये हाईस्पीड और हाई रेजोल्यूशन वाले कैमरे होंगे, जो तेज गति वाले वाहन को भी क्लिक कर पाएंगे. कैमरा वाहन को देखते ही उसका फोटो क्लिक करेगा और उसके FASTag व नंबर प्लेट को स्कैन करेगा. इस स्कैन रिपोर्ट का एनालिसिस सेंट्रल सर्वर में रखा कंप्यूटर करेगा. कंप्यूटर फास्टैग और व्हीकल रजिस्ट्रेशन नंबर का मिलान केंद्रीय सड़क परिवहन व राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय के वाहन डाटाबेस से करेगा. जो वाहन अपनी उम्र तय कर चुका होगा, उसकी रिपोर्ट जनरेट कर दी जाएगी. जिस वाहन का बीमा, पॉल्यूशन या फिटनेस सर्टिफिकेट एक्सपायर हो चुका होगा, उसका यह सर्वर ऑटोमेटिकली मोटर व्हीकल्स एक्ट (Motor Vehicles Act) के तहत ई-चालान (e-challan) जनरेट कर देगा. यह ई-चालान वाहन के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट से जुड़े मोबाइल नंबर और ई-मेल पर भेज दिया जाएगा.
क्या है इस कवायद का कारण
इस कवायद के जरिये केंद्र सरकार दिल्ली में उन वाहनों की एंट्री बंद करना चाहती है, जो अपनी उम्र पूरा कर चुके हैं और सही मायने में दिल्ली में चलने के लिए वैध नहीं है. साथ ही इन पुराने वाहनों के कारण होने वाले ज्यादा प्रदूषण पर भी रोक लगाना चाहती है ताकि दिल्ली में स्मॉग जैसी कंडीशंस को कंट्रोल करने में थोड़ी मदद मिल सके. मौजूदा नियमों में एनफोर्समेंट एजेंसियों को उन वाहनों की पहचान करने में समस्या होती है, जो दूसरे राज्यों से दिल्ली में एंट्री कर रहे हैं. ऐसे वाहनों को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस (Delhi Police) और दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को फिजिकल चेकिंग करनी पड़ती है, जिसमें बहुत ज्यादा मैन पावर खर्च होती है.
दिल्ली में आ रहे हर वाहन का रियल टाइम डाटा मिलेगा
दिल्ली में एंट्री के लिए स्टेट व छोटे रास्तों के अलावा 3 राष्ट्रीय राजमार्ग है. फिलहाल राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) अपने टोल प्लाजा से गुजरने वाले हर वाहन का अपडेट हर घंटे पर संबंधित विभागों को देता है. इस सिस्टम के लागू होने के बाद दिल्ली में एंट्री लेने वाले हर वाहन का रियल टाइम अपडेट उपलब्ध हो जाएगा.
अभी चल रही है सभी हितधारकों में बातचीत
रिपोर्ट में सूत्र के हवाले से कहा गया है कि इस सिस्टम का दिवाली से पहले शुरू करने का टारगेट तय किया गया है, क्योंकि दिल्ली इस त्योहार पर भारी वायु प्रदूषण का सामना करती है. फिलहाल इसके लिए सभी हितधारक यानी दिल्ली सरकार का ट्रांसपोर्ट विभाग, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय, NHAI आपस में बातचीत कर रहे हैं.
पूरे देश में होगा लागू, 6 करोड़ वाहन हटेंगे सड़कों से
केंद्र सरकार इस सिस्टम को चरणबद्ध तरीके से पूरे देश के ट्रांसपोर्ट व ट्रैफिक रूल्स में लागू करना चाहता है. पूरे देश में फिलहाल करब 38 करोड़ रजिस्टर्ड वाहन हैं, जिनमें से करीब 6 करोड़ वाहन सड़क पर चलने लायक नहीं है. हालांकि यह महज अनुमान है, क्योंकि इस बात का असल डाटा उपलब्ध नहीं है कि इन 6 करोड़ वाहनों में से कितने अब भी सड़क पर चल रहे हैं. माना जा रहा है कि इस सिस्टम की मदद से ऐसे वाहनों की छानबीन कर उन्हें जब्त किया जा सकेगा.
अभी देश में कहां लागू है ई-डिटेक्शन सिस्टम
फिलहाल देश में ओडिशा इकलौता ऐसा राज्य है, जहां वाहनों के लिए ई-डिटेक्शन सिस्टम लागू है. यह सिस्टम वहां के नेशनल हाइवेज पर लागू किया गया है, जो बिना वैध दस्तावेजों वाले वाहनों के NH पर आते ही उनकी पहचान कर लेता है और जानकारी देता है.
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