डीएनए हिंदी: भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने फूड एग्रीगेटर्स कंपनियों पर लगने वाले आरोपों को गंभीर मानते हुए इनकी जांच की मांग की है. सोमवार को दिए आदेश में कहा गया है कि Swiggy और Zomato जैसी कंपनियों पर लगने वाले पेमेंट साइकिल में देरी, एकतरफा क्लॉज और ज़्यादा कमीशन लगाने जैसे आरोपों की निष्पक्ष जांच होनी जरूरी है. निष्पक्ष ट्रेड रेगुलेटर ने अपने महानिदेशक को आरोपों की गहन जांच करने और 60 दिनों के भीतर एक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.
सीसीआई ने दिए जांच के आदेश
CCI ने कहा, 'आयोग का मानना है कि जोमैटो और स्विगी के कार्यप्रणाली और व्यवहार के स्तर पर शुरुआती तौर पर मामला बनता है. इसके लिए महानिदेशक की तरफ से जांच की जानी चाहिए. जांच के जरिए यह पता लगाया जाए और तय किया जाए कि क्या इन प्लेटफॉर्म के संचालन और इनकी व्यवस्था में किसी तरह के नियमों को तोड़ा गया है या निश्चित प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है.
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NRAI ने दायर की थी शिकायत
यह आदेश नेशनल रेस्टॉन्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) की तरफ से दायर शिकायत पर जारी किया गया था. यह संस्था देश भर में 50,000 से ज्यादा रेस्ट्रॉन्ट ऑपरेटरों का प्रतिनिधित्व करता है. बता दें कि पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर भी फूड एग्रीगेटर्स कंपनियों के खिलाफ यूजर्स ने शिकायत की हैं.
जोमैटो और स्विगी के खिलाफ हैं कई आरोप
एसोसिएशन ने पिछले साल जुलाई में एंटीट्रस्ट बॉडी से संपर्क किया था, जिसमें Zomato और Swiggy के खिलाफ डेटा मास्किंग, डीप डिस्काउंटिंग और प्लेटफॉर्म न्यूट्रैलिटी के उल्लंघन के आरोपों की जांच की मांग की गई थी. जोमैटो और स्विगी जैसी कंपनियां अब बड़े शहरों के साथ कस्बों तक पहुंच बना रही हैं.
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