चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का इस्तेमाल होता है. देश में पहली बार 1982 में केरल राज्य के चुनाव में EVM का इस्तेमाल किया गया था. अक्सर EVM को लेकर तरह-तरह के आरोप लगाए जाते हैं. ईवीएम को लेकर यह दावा किया जाता है कि इसके जरिए चुनाव को फिक्स करने की कोशिश की जाती है. इन सभी बातों के बाच अब कुछ जगह यह दावा किया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मशीन में गड़बड़ी पाए जाने पर चुनाव में इसके इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है. आइए हम आपको इसके पीछे का सच बताते हैं.
EVM पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
ईवीएम के खिलाफ साल 2001 से ही गड़बड़ी का अंदेशा जताते हुए देश के कई हाईकोर्ट में केस किया जा चुका है. हर बार यह मुद्दा उठाया गया है कि EVM के जरिए चुनाव को फिक्स करने की कोशिश की जाती है. देश की कई बड़ी और नामी एजेंसियों के साथ मिलकर सुप्रीम कोर्ट ने EVM की तकनीकी सुरक्षा, प्रशासनिक सुरक्षा, EVM के उपयोग और मजबूती से जुड़े हर पहलुओं पर समय-समय पर जांच कराई है.
जानकारी के अनुसार, साल 2001 में मद्रास हाईकोर्ट में एक केस की सुनवाई के दौरान यह माना गया था कि 'EVM को हैक करना या असमें किसी प्रकार की कोई छेड़खानी करना असंभव है'. EVM के खिलाफ किए गए कई केस में तो सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आर्डर के खिलाफ की गई अपील को खारिज कर याचिकाकर्ताओं पर जुर्माना लगाया है और इन याचिकाओं को मात्र एक पब्लिसिटी स्टंट बताया है.
क्या EVM होगा बैन?
आपको बता दें देश में सुप्रीम कोर्ट ने EVM के ऊपर कोई भी बैन नहीं लगाया गया है. लोकसभा चुनाव 2024 में चुनाव आयोग देशभर में सात चरणों में होने वाले 19 अप्रैल 2024 से 1 जून 2024 तक होने वाले चुनाव में EVM का ही इस्तेमाल किया जाएगा. इस चुनव के परिणाम 4 जून को आएंगे.
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