डीएनए हिंदी: केंद्र की मोदी सरकार देश भर के फर्जी पत्रकारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी में है. ऐसा हम नहीं, सोशल मीडिया पर वायरल एक मैसेज में कहा जा रहा है. वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय जाली पत्रकारों और फर्जी चैनलों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है.
इतना ही नहीं, मैसेज में यह भी कहा जा रहा है कि देशभर में जितने भी लोग प्रेस आईडी कार्ड लेकर घूम रहे हैं, उनकी तत्काल जांच शुरू की जाएगी. अगर जांच के दौरान वे फर्जी पाए गए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.
क्या है सच्चाई?
यह मैसेज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. व्हाट्सएप के जरिए मैसेज को खूब शेयर किया जा रहा है. ऐसे में जब यह मामला PIB की नजरों में आया तो उन्होंने इसकी सच्चाई बताई.
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पीआईबी ने मैसेज का एक स्क्रीनशॉट लेते हुए अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, 'दावा किया जा रहा है कि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा है कि देश भर के फर्जी पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर होगी, यह दावा फर्जी है, केंद्रीय मंत्री ने इस संबंध में ऐसा कोई बयान नहीं दिया है.'
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पीआईबी फैक्ट चेक सरकार से जुड़े सोशल मीडिया पर वायरल फेक मैसेज या पोस्ट की सच्चाई लोगों के सामने लाता है. ऐसे में अगर आप भी किसी वायरल मैसेज का सच जानना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर 918799711259 पर संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा आप Socialmedia@pib.gov.in पर मेल कर भी किसी दावे की सच्चाई के बारे में पता लगा सकते हैं.
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