डीएनए हिंदी: असम में आरण्यक K9 यूनिट डॉग स्क्वाड के सदस्य रहे जोरबा नाम के डॉग की मौत हो गई है. ये कुत्ता असम में शिकारियों के शिकार के लिए इस्तेमाल किया जाता था. जोरबा के बारे में वाइल्डलाइफ क्राइम एक्सपर्ट डॉ. विभव कुमार ने बताया कि 'गैंडों के शिकार की घटना के बाद से जोरबा और K9 यूनिट के सदस्यों ने शिकारियों का पता लगाने में फॉरेस्ट ऑफिसर की बहुत मदद की थी. जोरबा को इस योगदान के लिए हमेशा याद रखा जाएगा.' जोरबा बेल्जियन मेलियॉन ब्रीड का पहला ऐसा डॉग था जिसे शिकारियों के शिकार में लगाया गया था.
K9 यूनिट के डॉग जोरबा की मंगलवार, 22 नवंबर की रात को मौत हो गई. जोरबा की मौत उसकी बढ़ती उम्र और बीमारियों की वजह से हुई है. जोरबा की मौत के बाद आरण्यक के सदस्यों और बहुत से लोगों ने दुख जताया है. जोरबा का अंतिम संस्कार पूरे सम्मान के साथ किया गया. जोरबा के ऊपर कई लोगों ने फूल भी चढ़ाए. जोरबा ने 8 सालों तक अपना काम बखूबी किया जिसके बाद 2019 में जोरबा रिटायर हो गया था. रिटायर होने के बाद जोरबा K9 यूनिट सेंटर के इंटेंसिव केयर में था.
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बता दें कि जोरबा नाम के इस शिकारी डॉग ने आरण्यक के लिए 2011 से लेकर 2019 तक काम किया. यह इस दौरान कई अभियानों में इनके साथ रहा. जोरबा काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, पोबितोरा, वन्यजीव अभायरण और भी बहुत सी जगहों पर सक्रीय रहा था. जोरबा ने अवैध शिकारियों को पकड़ने के अभियानों के दौरान 8 सालों में करीब 60 से ज्यादा लोगों शिकारियों का पता लगाने में सहायता की थी. जोरबा के पहले हैंडलर अनिल कुमार दास ने बताया कि उन्हें जोरबा की बहुत याद आएंगी. उनके साथ जोरबा की बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं. जोरबा को बॉल से खेलना बहुत ज्यादा पसंद था.
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