इस जगह बेटियों को तोहफे में दी जाती है बकरखानी, जानिए इसके बिना बेटियां क्यों नहीं जातीं ससुराल

कविता मिश्रा | Updated:Feb 16, 2024, 10:58 AM IST

  Bakarkhani Recipe

Bakarkhani Recipe: बकरखानी देकर बेटियों की विदाई की बहुत पुरानी परंपरा है. आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है.

खान-पान को लेकर भारत दुनिया भर में मशहूर है. यहां के कई राज्यों में कुछ ऐसी डिशेज बनाई जाती हैं, जिसके बारे में कुछ लोगों को पता भी नहीं होता है. अगर बिहार की बात करें तो यहां भी तरह-तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं, जो लोगों को खूब पसंद आते हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही डिश  के बारे में बताएंगे, जिसके बिना बिहार के गया में बेटियां ससुराल नहीं जाती हैं. 

बिहार के गया में मुस्लिम समुदाय के लोग अपनी बेटियों की शादी में बकरखानी बनवाते हैं. जब वह ससुराल जाने लगती है तो उन्हें तोहफे के रूप में बकरखानी देते हैं. इतना ही नहीं बल्कि मुस्लिम समुदाय की शादियों के वक्त बकरखानी की बिक्री बढ़ जाती है. केवल विदाई के वक्त बेटियों को तोहफे के रूप में ही नहीं बल्कि बारातियों का भी इससे स्वागत किया जाता है. जब तक बारातियों को बकरखानी नहीं खिलाई जाती, माना जाता है कि जब तक बारातियों का स्वागत बकरखानी से न किया जाए, तब तक मेहमाननवाजी अधूरी रहती है. 

पुरानी परंपरा निभा रहे हैं लोग 

 गया में बाकरखानी देकर बेटियों की विदाई की बहुत पुरानी परंपरा है. शादी में 101 से 151 पीस तक बाकरखानी का तोहफा देकर बेटियों की विदाई की जाती है. जानकारी के लिए बता दें कि गया की बाकरखानी देश-विदेश में अपने स्वाद के लिए मशहूर है. बाकरखानी की खासियत यह है कि इसे बहुत दिनों तक लोग अपने-अपने घरों में रखते हैं. आप इसे काफी दिन घर में रख सकते हैं, यह जल्दी ख़राब नहीं होती है. 

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