डीएनए हिंदी: आपने ब्रिटिश किंग्स गार्ड्स की टोपियां तो देखी होंगी. ये देखने में बिल्कुल भालू की खाल की तरह लगती हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि ये असल में भी भालू की खाल से ही बनी होती हैं. किंग्स गार्ड्स की इन टोपियों के बारे में अब जो जानकारी हम आपको देने वाले हैं उसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे. इस टोपियों को बनाने के लिए हर साल सैकड़ों भालुओं की बलि दी जाती है.
भालू की खाल की इस लंबी फर वाली टोपी को ग्रेनेडियर्स और गार्ड रेजिमेंट के गार्ड्स भी इस्तेमाल करते हैं. ब्रिटिश सेना में इस तरह का हेडवियर 17वीं शताब्दी का है. इनकी ये टोपी कनाडाई काले भालू की खाल से बनाई जाती है कई बार भूरे मादा भालू की खाल से भी टोपी बनाई जाती है जिसे बाद में काले रंग की डाई से रंग दिया जाता है. ब्रिटिश सेना हर साल एक हैटमेकर से ये हेयरड्रेस खरीदती है. फर वाली कैप बनाने वाला हैटमेकर हर साल इंटरनेशनल निलामी में 60 हजार से ज्यादा रुपए में 50 से 100 भालुओं की खाल खरीदता है.
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किंग्स गार्ड्स की कैप बनाने के लिए हर साल सैंकड़ों भालू मारे जाने के की बात जानने के बाद लोग बहुत नाराज हैं. बहुत से एनिमल राइट्स ग्रुप ने भी इसके खिलाफ आवाज उठाई है. एक एनिमल राइट्स ग्रुप People of the Ethical Treatment of Animals (PETA) ने भी पर वाली टोपियों के लिए असली भालू की खाल के इस्तेमाल के खिलाफ आवाज उठाई है. PETA ने आरोप लगाया कि टोपियों के लिए भालुओं की हत्या की जाती है जो बिल्कुल गलत है.
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