Raksha Bandhan: विदेश भेजी जाएंगी गाय के गोबर से बनी 60 हजार राखियां, जानें क्या है खास

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 08, 2022, 06:33 PM IST

रक्षाबंधन के मौके पर ऑर्गैनिक राखियां सबका ध्यान अपनी तरफ खींच रही हैं. इन्हें बनाने के लिए एक खास तरीका अपनाया गया है. साथ ही इसमें एक बीज भी डाला गया है ताकि राखी फेंकने की जगह लोग इसे गमले में जगह दें.

डीएनए हिंदी: आजकल हर चीज में केमिकल और प्लास्टिक बिना ढूढें ही मिल जाता है. कोई भी चीज 100% ऑर्गेनिक मिलना बहुत मुश्किल है. ऐसे में राजस्थान के जयपूर में गाय के गोबर से बनी ऑर्गेनिक राखियां तैयार की जा रही हैं. यह काम छोटे-मोटे स्तर पर नहीं बल्कि बहुत बड़े स्तर पर हो रहा है. ये राखियां सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेश में भी चर्चा में हैं. गाय के गोबर से बनी इन राखियों को विदेश भी भेजा जाएगा. खासतौर पर अमेरिका और मॉरीशियस से एक बड़ा ऑर्डर मिला है. बता दें कि 40,000 राखियां अमेरिका और 20,000 राखियां मॉरीशियस भेजी जाएंगी. यानि विदेश में रह रहे भारतीय भी गाय के गोबर से बनी इन राखियों को अपनी कलाई पर बाधेंगे. 

कैसे बनी गाय के गोबर से राखी ?

गाय के गोबर को धूप में सुखाकर पहले इसकी गंध को कम किया गया. धूप में सुखाने के बाद गोबर की गंध 95 प्रतिशत तक कम हो जाती है. इसके बाद सूखे गोबर के चूरे में गाय का घी, सफेद मिट्टी, हल्दी और चंदन मिलाया गया. इस मिक्सचर से रंगीन राखियां बनाई गईं जो कि पूरी तरह से ऑर्गेनिक हैं. इन राखियों में पौधों के बीज भी रखे गए हैं. मतलब आप भाई बहन के रिश्ते की प्रतीक इन राखियों को फेंकने की जगह गमले में रख सकते है और यह कुछ दिन में एक पौधे का रूप ले लेगी.

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गाय के गोबर से बनी राखियों से हुई कमाई को गायों की सुरक्षा और देखभाल के लिए लगाया जाएगा. साथ ही महिलाओं को रोजगार दिलाने का काम भी हो रहा है. हैनिमेन चैरिटेबल सोसाइटी की सेक्रेटरी मोनिका गुप्ता ने बताया की लोग गायों का सम्मान करते हैं इसलिए उन्होंने गाय के गोबर की राखियां बनाई. ये राखियां जयपुर में एक डिस्ट्रिब्यूटर की मदद से 250 जगहों पर बेची जाएंगी.

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