भारत के डॉक्टर ने फ्री में किया पाकिस्तानी बच्ची का ऑपरेशन, 90 डिग्री तिरछी गर्दन को किया सीधा

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 25, 2022, 04:16 PM IST

एक ब्रिटिश जर्नलिस्ट ने अफशीन की हालत को लेकर एक स्टोरी लिखी थी. इसकी मदद से अफशीन का परिवार डॉक्टर कृष्णन के संपर्क में आया.

डीएनए हिंदी: दिल्ली के अपोलो अस्पताल के डॉक्टर राजागोपालन कृष्णन ने पाकिस्तान की अफशीन गुल को नई जिंदगी दी. अफशीन 12 साल की एक बच्ची है. जब वह 10 महीने की थी तो वह अपनी बहन की गोद से नीचे गिरी और तभी से उसकी हालत ऐसी हो गई थी. कृष्णन ने चार सर्जरी कर बच्ची की muscular rotatory condition को दुरुस्त किया. इस ऑपरेशन के बदले में कृष्णन ने बच्ची के परिवार से एक पैसा नहीं लिया.

पाकिस्तान के सिंध की रहने वाली गुल करीब 12 साल से परेशान थी. उसे कहीं ठीक इलाज नहीं मिला. अपनी इस हालत की वजह से वह न तो स्कूल जा पाती थी न उसके कोई दोस्त थे. वह अपने रोजमर्रा के काम जैसे कि खाना, चलना और बोलने में भी असमर्थ थी.

यह भी पढ़ें: पिता ने बोझ समझकर नाना के घर छोड़ा, होनहार बच्ची दसवीं में निकली टॉपर

अफशीन सेकेब्रल पाल्सी से भी पीड़ित है. इस वजह से उसकी तकलीफ अबतक दोगुनी थी. उसके घरवाले उसे कई डॉक्टरों के पास ले गए लेकिन उसे कहीं मदद नहीं मिली.

एक आर्टिकल की वजह से मिली मदद

 एक ब्रिटिश जर्नलिस्ट ने अफशीन की हालत को लेकर एक स्टोरी लिखी थी. इसकी मदद से अफशीन का परिवार डॉक्टर कृष्णन के संपर्क में आया जिन्होंने फ्री में ऑपरेशन करने की पेशकश की.

बीबीसी से बात करते हुए अफशीन के भाई याकूब ने कहा, हम बेहद खुश हैं. डॉक्टरों ने मेरी बहन की जिंदगी बचा ली. हमारे लिए वो भगवान हैं. बताया जा रहा है कि यह परिवार नवंबर,2021 में इलाज के लिए भारत आया. ऑनलाइन फंड की मदद से गुल की सर्जरी हुई.

यह भी पढ़ें: Video: दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक में भरा पानी, देखकर समझ नहीं आएगा चल क्या रहा है

याकूब ने बताया कि ऑपरेशन बहुत ही क्रूशियल था. डॉक्टर का कहना था कि अफशीन के फेफड़े और दिल काम करना बंद कर सकता है लेकिन उनकी कोशिशों और देखरेख में सबकुछ बहुत ही अच्छे से हुआ. सर्जरी के बाद डॉक्टर ने बताया कि अगर सही इलाज न मिलता तो अफशीन ज्यादा दिन नहीं बचती. उस बच्ची का केस अपनी तरह का दुनिया में पहला केस था.

 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.